भाजपा के कुशासन को कब तक सहेगा राजस्थान : गहलोत

मुकदमों की जांच अभी तक लंबित है

भाजपा के कुशासन को कब तक सहेगा राजस्थान : गहलोत

महिलाओं से बलात्कार के 2,758 और नाबालिगों से बलात्कार के 794 मुकदमे दर्ज हुए। सबसे चिंताजनक बात ये है कि इन मुकदमों में से 51.79 प्रतिशत मुकदमों की जांच अभी तक लंबित है। 

जयपुर। महिला हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी की खबरों का हवाला देते हुए पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा है कि राजस्थान में भाजपा ने महिला सुरक्षा पर नहीं सहेगा राजस्थान कैंपेन चलाया था। पीएम मोदी ने तो राजस्थान की तुलना मणिपुर तक से कर दी थी और राजस्थान को बदनाम किया, लेकिन यहां भाजपा सरकार बनने के बाद जून तक पहले छह महीने में राजस्थान में महिलाओं के विरुद्ध अपराध लगातार बढ़े हैं। मीडिया में छपी खबरों के हिसाब से 2023 की तुलना में महिला अपहरण के मामलों में 10.28 प्रतिशत, बलात्कार मामलों में 8.03 प्रतिशत, गैंगरेप मामलों में 7.19 प्रतिशत, नाबालिगों से गैंगरेप मुकदमों में 10.16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। जून तक महिलाओं से बलात्कार के 2,758 और नाबालिगों से बलात्कार के 794 मुकदमे दर्ज हुए। सबसे चिंताजनक बात ये है कि इन मुकदमों में से 51.79 प्रतिशत मुकदमों की जांच अभी तक लंबित है। 

अब राजस्थान पूछ रहा है कि आखिर भाजपा सरकार के इस कुशासन और महिलाओं के साथ हो रही इस हिंसा को कब तक सहेगा राजस्थान। हमारी सरकार ने महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए हर जिले में सिकाउ यूनिट एवं एडिशनल एसपी की तैनाती, निर्भया स्कवॉड, थानों में महिला डेस्क, स्पेशल हेल्पलाइन नंबर, एफआईआर का अनिवार्य पंजीकरण समेत तमाम कदम उठाए थे। इस सरकार को बताना चाहिए कि इन्होंने महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए क्या किया है। 

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