लापरवाही: डेढ़ साल से गैराज में धूल खा रही है एम्बुलेंस

इमरजेंसी में मरीजों को जाना पड़ता है कोटा, लैब में भी नहीं हो रहीं जांचें

लापरवाही: डेढ़ साल से गैराज में धूल खा रही है एम्बुलेंस

हॉस्पिटल में एम्बुलेंस होने के बावजूद इमरजेंसी में गर्भवती महिलाओं व घायल मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए निजी वाहनों से ज्यादा किराया वहन करना पड़ता है।

खेड़ारसूलपुर। खेड़ारसूलपुर के आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाडपुरा विधायक कल्पना देवी द्वारा विधायक निधि से जनता की सेवा के लिए दी गई एम्बुलेंस करीब 1 साल 7 महीन धूल खा रही है। सरकारी मशीनरी की लापरवाही व चालक के अभाव में तब से आज तक इस एम्बुलेंस का इंजन तक स्टार्ट नहीं हुआ है। अस्पताल में एम्बुलेंस शोपीस बनकर रह गई है। ग्रामीणों ने बताया कि विधायक कल्पना देवी द्वारा आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विधायक निधि से एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस दी गई थी। परंतु आज तक एम्बुलेंस का कोई उपयोग नही हुवा है। इमरजेंसी में मरीजों को निजी वाहनों से हॉस्पिटल ले जाना पड़ रहा है। चिकित्सा विभाग की लापरवाही के चलते एम्बुलेंस धूल खा रही है। मरीजों को इसका खामियाजा उठाना पड़ रहा है। हॉस्पिटल में एम्बुलेंस होने के बावजूद इमरजेंसी में गर्भवती महिलाओं व घायल मरीजों को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए निजी वाहनों से ज्यादा किराया वहन करना पड़ता है। लापरवाही के चलते आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था पूरी तरह खराब हो चुकी है।

लैब में नहीं हो रहीं जांचें
ग्रामीणों ने बताया कि लैब कर्मचारियों की लापरवाही के कारण लैब में कई बीमारियों की जांचें नहीं हो पा रही हैं। मरीजों को या ता कैथून या फिर कोटा जाकर जांच करवानी पड़ती है। जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ ही समय का भी नुकसान होता है। ग्रामीणों ने चिकित्सा मंत्री व चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों से लैब में लगे कर्मचारियों पर सख्त कार्यवाही करने व समय पर आने के लिए पाबन्द करने की मांग की। जिससे मरीजों को जांचें कराने में हो रही परेशानियों से राहत मिल सके।  

हॉस्पिटल की लैब में मरीजों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। लैब में लगे कर्मचारी समय पर अस्पताल नहीं आते। जिसके कारण मरीजों की जांचें नहीं हो पातीं। आए दिन लैब टेक्नीशियन गायब रहते हैं। जिसके कारण मरीजों, गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लैब टेक्नीशियन की मनमर्जी व लापरवाही के कारण मरीज हीमोग्लोबिन, शुगर, मलेरिया आदि की जांचें कराने कैथून हॉस्पिटल जाने को मजबूर हैं। शिकायत के बाद भी चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारी इन पर कोई कार्यवाही नहीं करते। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
-प्रवीण नामा, ग्रामीण

हॉस्पिटल में एम्बुलेंस आने के बाद भी उसका उपयोग नहीं किया जा रहा है, ये बड़े दुर्भाग्य की बात है। एम्बुलेंस की सुविधा शीघ्र चालू की जाए।
-दुर्गेश कुशवाह, पूर्व वार्ड पंच 

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एम्बुलेंस होने के बाद भी इमरजेंसी में घायल मरीजों को निजी वाहन से हॉस्पिटल ले जाना पड़ता है। जिससे कई बार समय पर हॉस्पिटल नहीं पहुचने के कारण जनहानि हो जाती है। 
-कपिल देव, उप सरपंच

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हॉस्पिटल में एम्बुलेंस होना आवश्यक है। आपात समय पर गर्भवती महिलाओं को कोटा हॉस्पिटल रैफर करने पर लोगों को काफी परेशानी होती है। शीघ्र ही बंद पड़ी एम्बुलेंस को सुचारू रूप से चलाने की व्यवस्था की जाए।
-राम खंडेलवाल, ग्रामीण

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कई महीनों से हॉस्पिटल में एम्बुलेंस धूल खा रही है। मरीजों को काफी परेशानी होती है। विभाग की लापरवाही का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। शीघ्र ही एम्बुलेंस चालू की जाए।
-अनूप मेहरा, पंचायत समिति डायरेक्टर

इनका कहना
लैब में जांचें नहीं होने की मौखिक शिकायत मिली थी। उसके बाद उन्हें लैब टेक्नीशियन को समय पर आने व बिना बताए गायब होने के लिए नोटिस दे दिया गया है। साथ ही उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जाएगा। वहीं एम्बुलेंस के संचालन व चालक लगाने के लिए समय-समय पर विभाग व उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाता रहा है। 
-योगेश मेहरा, चिकित्सा प्रभारी, पीएचसी, खेड़ारसूलपुर

एम्बुलेंस को 104 में संचालन के लिए जयपुर विभाग को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। जैसे ही एम्बुलेंस 104 में संचालन के लिए सेंक्शन होगी, वैसे ही सुचारू रूप से सुविधा चालू हो जाएगी।
-जगदीश सोनी, सीएमएचओ, कोटा

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