बोरखेड़ा में बने अस्पताल लेकिन सुपर स्पेशलिटी की सुविधाओं के साथ

लाडपुरा विधानसभा : 5 लाख से ज्यादा की आबादी के पास नहीं कोई अस्पताल, निजी पर रहना पड़ता है निर्भर

बोरखेड़ा में बने अस्पताल लेकिन सुपर स्पेशलिटी की सुविधाओं के साथ

लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

कोटा। लाडपुरा विधान सभा क्षेत्र के बोरखेड़ा और इसके आस पास के इलाकों में नए जिला अस्पताल की कई सालों से मांग उठ रही है। इस इलाके में कोई भी बड़ा अस्पताल नहीं होने लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लाडपुरा क्षेत्र के इस इलाके में 5 लाख से ज्यादा की आबादी रहती है जो केवल एक डिसपेंसरी पर ही निर्भर है। उसके अलावा इलाज कराने के लिए स्थानियों को निजी अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। क्योंकि यहां से शहर में स्थित सभी बड़े अस्पताल 15 से 18 किलोमीटर दूर पड़ते हैं। जिससे कई बार इलाज के दौरान देरी हो जाती है।

पांच लाख से ज्यादा की आबादी को लाभ
बोरखेड़ा और नया नोहरा क्षेत्र में अस्पताल बनने से 5 लाख से ज्यादा लोगों की जनसंख्या को लाभ मिलेगा। जिसमें बोरखेड़ा के साथ रायपुरा, देवली अरब, नया नोहरा, मंडानिया, काला तलाब, रंगपुर, सोगरिया, थेकड़ा और झालिपुरा सहित दर्जनों कॉलोनियां और इलाके शामिल हैं। वर्तमान में इस इलाके में केवल डिस्पेंसरियां ही मौजूद हैं। जिसमें केवल बोरखेड़ा और डीसीएम में ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। जहां केवल प्राथमिक स्तर का इलाज मुहैय्या हो पाता है। इस इलाके में कभी आपातकालीन स्थिति बन जाती है तो लोगों को निजी अस्पतालों की ओर भागना पड़ता है।

दुर्घटना और प्रसव के समय होती है समस्या
बोरखेड़ा क्षेत्र से स्टेट हाईवे 70 निकलता है जिस पर राष्ट्रीय राजमार्ग 52 आकर मिलता है। वहीं बारां रोड होने के कारण इस इलाके में भारी यातायात रहता है। कई बार बड़ा हादसा होने पर निकटतम अस्पताल एमबीएस ही पड़ता है जहां पहुंचने में भी कम से कम आधा घंटा लगता है। ज्यादा समय लगने के कारण इलाज में भी देरी होती है। यही स्थिति महिलाओं के प्रसव के समय भी होती है। क्योंकि यहां मौजूद डिस्पेंसरी में प्रसव की सुविधा नहीं है और जहां है वो सभी निजी अस्पताल हैं जहां इलाज मंहगा होता है। 

 इस इलाके में अस्पताल की अत्यधिक आवश्यकता है क्योंकि यहां लगातार नई कॉलोनियां बसती जा रही हैं और आस पास के गांवों के लोग यहां आकर बस रहे हैं। साथ ही नया नोहरा में कोचिंग एरिया बनने से विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। 
- विजय कुमार, नया नोहरा

Read More हिन्दी सभी को एक-दूसरे से जोड़ती है: शर्मा

यहां इलाज के लिए लोगों को निजी अस्पतालों पर ही निर्भर रहना पड़ता है जो भी केवल दो ही हैं। इसके अलावा यहां से मेडिकल कॉलजे अस्पताल और एमबीएस अस्पताल दोनों ही 30 से 45 मिनट की दूरी पर हैं। अस्पताल बनेगा तो पूरे को राहत मिलेगी।
- प्रदीप कुमार, कालातलाब

Read More 8 लाख वार्षिक आय में ओबीसी क्रीमीलेयर और 8 लाख में जनरल गरीब: राजेन्द्र सेन 

इस इलाके में 5 से 6 लाख की आबादी रहती है जो एक जिला अस्पताल होने के लिए बहुत है। साथ ही इस इलाके में कोटा का सबसे व्यस्तम भारी मार्ग वाला रास्ता पड़ता है। जहां कई बार गंभीर हादसे होते हैं जिन्हें तुरंत और स्पेशलिटी इलाज की आवश्यकता होती है। क्षेत्र में अस्पताल तो बने ही साथ ही जो अस्पताल बने उसमें सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जैसी सुविधाएं होनी चाहिए।
- कंवर सिह चौधरी, अध्यक्ष, समृद्धि नगर विस्तार विकास समिति

Read More समारोह में प्रतिनिधि इकाइयों के कार्यों से कराया अवगत

इस क्षेत्र में अस्पताल बनने से जेके लॉन और एमबीएस अस्पताल पर भी दबाव कम होगा। क्योंकि इलाके के लगभग सभी निवासी इलाज के लिए इन्हीं दोनों अस्पतालों में जाते हैं। अस्पताल बनने के साथ ही इसमें सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं मिले तो और बेहतर होगा। क्योंकि इस क्षेत्र में अधिकतर मामले दुर्घटना के होते हैं।
- डॉ. राजेश सामर, बोरखेड़ा

इनका कहना है
सरकार की ओर से बोरखेड़ा में 300 बेड के नए अस्पताल की घोषणा की गई है। जिसके पहले फेज के लिए एनएचएम ने बजट जारी कर दिया है। अस्पताल के लिए जमीन चिन्हित कर निर्माण कार्य को जल्द पूरा किया जाएगा। 
- डॉ. जगदीश सोनी, सीएमएचओ

Post Comment

Comment List

Latest News