नई सड़क तो दूर एक साल में गड्ढे तक नहीं भर पाई सरकार
सीमलिया क्षेत्र की जर्जर सड़कों को मरम्मत की दरकार
कस्बे की मुख्य सड़क पर हो रहे गड्ढों और उखड़ी मुख्य सड़क से सीमलिया वासी और वाहन चालक खासे परेशान हो रहे हैं।
सीमलिया। मौजूदा भाजपा सरकार अपने एक वर्ष का कार्यकाल पूरा करने का जश्न मना रही है। सरकार इस एक साल में किए गए विकास कार्यों के बढ़-चढ़ दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों के बिल्कुल उलट हैं। हकीकत यह है कि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं और सड़कों की हालत पिछली सरकार से भी बुरी स्थिति में जा पहुंची है। जिन मतदाताओं ने विकास और जर्जर सड़कों की मरम्मत की आस लेकर भाजपा की सरकार बनवाई थी, उन मतदाताओं को तो अभी तक निराशा ही हाथ लगी है। इसका जीता जागता नमूना सीमलिया कस्बा है। आसपास के दर्जनों गांव सीमलिया से जुड़े हुए हैं। हजारों लोगों का सीमलिया में रोज आवागमन होता है। मगर कस्बे की मुख्य सड़क पर हो रहे गड्ढों और उखड़ी मुख्य सड़क से सीमलिया वासी और वाहन चालक खासे परेशान हो रहे हैं।
वाहन चालक व राहगीर होते रहते हैं चोटिल
बारिश होने पर गड्ढों में पानी भरा रहता है। फिसलन होने से बाइक चालक गिर जाते हैं। कई बार भारी वाहनों के गुजरने पर गड्ढों की मिट्टी उछलकर राहगीरों को जख्मी कर चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि रोड से ऊंची नालियां होने के कारण गड्ढों में नाली का पानी भरा रहता है। कहीं सूखा होने पर गिट्टी उछलने का खतरा रहता है।
कस्बे के इसी मार्ग पर राजकीय बालिका व प्राइवेट स्कूल होने की वजह से यहां होकर रोज हजारों विद्यार्थी गुजरते हैं। कीचड़ की वजह से स्कूली बच्चों की ड्रेस व जूते गंदे हो जाते हैं। कई बार तो फिसलन की वजह से बच्चे कीचड़ में गिर जाते हैं। जिससे बच्चों को रास्ते से ही वापस घर लौटना पड़ता है।
-कमलेश गोस्वामी, समाजसेवी, सीमलिया
सभी मोहल्ले वासियों द्वारा विधानसभा चुनावों से पहले रोड नहीं तो वोट नहीं के होर्डिंग्स लगाकर विरोध दर्ज कराया था। लेकिन फिर चुनाव प्रचार के दौरान सांगोद से भाजपा प्रत्याशी ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर के चुनाव जीतने के बाद रोड बनाने के आश्वासन पर सहमत होकर मतदान करने चले गए थे। लेकिन सरकार बने हुए एक साल का समय होने पर भी अभी तक सड़क बनवाना तो दूर गढ्ढे भी नहीं भरे गए हैं।
-सत्येंद्र सनाढ्य, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष, सीमलिया
ऊर्जा मंत्री के प्रयास से कस्बे में बसें अंदर होकर गुजरने लगी हैं। लेकिन खराब सड़क होने की वजह से बस चालकों को यहां से गुजरने में हो रही समस्या के कारण बसों का आवागमन कुछ दिनों में ही बंद कर दिया। वहीं राहगीरों को भी काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। कस्बे की टूटी-फूटी सड़क जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों की उदासीनता की ओर इशारा कर रही है।
-महावीर मालव, व्यापारी, सीमलिया
उक्त समस्या को लेकर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर पूरी तरह प्रयासरत हैं। 511 लाख के प्रस्ताव फाइनेंस में लंबित हैं। विलेज फोरसन के तहत सीमलिया, दीगोद और निमोदा हरीजी में काम होने हैं। संभवतया जल्द ही उक्त कार्य शुरू हो जाएंगे।
-राजेन्द्र नागर, विशेषाधिकारी, ऊर्जा मंत्री नागर
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