बुलडोजर कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य : गहलोत

संविधान की मूल भावना के पूरी तरह विपरीत है

बुलडोजर कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य : गहलोत

किसी भी आरोपी के घर पर बुलडोजर चला देना न्याय नहीं है। मैंने दो वर्ष पहले भी इस कल्चर के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर कमोवेश ऐसे ही विचार रखे थे, जैसी आज सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है।

जयपुर। अपराधियों से जुड़ी सम्पत्तियों पर बुलडोजर चलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इसे स्वागत योग्य बताया है। गहलोत ने कहा है कि देश में पिछले कुछ सालों से शुरू हुए बुलडोजर कल्चर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। 

किसी भी आरोपी के घर पर बुलडोजर चला देना न्याय नहीं है। मैंने दो वर्ष पहले भी इस कल्चर के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर कमोवेश ऐसे ही विचार रखे थे, जैसी आज सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है। त्वरित न्याय जैसे सिद्धांत एक सभ्य और कानून का पालन करने वाले समाज में स्वीकार्य नहीं है और संविधान की मूल भावना के पूरी तरह विपरीत है। 

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