हरियाणा में औसत है खिलाड़ियों का प्रदर्शन, चुनावी मैदान में उतर सकते हैं विनेश फोगाट-बजरंग

तीनों नेता इस बार भी बीजेपी से चुनाव लड़ेंगे

हरियाणा में औसत है खिलाड़ियों का प्रदर्शन, चुनावी मैदान में उतर सकते हैं विनेश फोगाट-बजरंग

बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त अपने की डेब्यू टक्कर में कामयाब नहीं हो सके। माना जा रहा है कि ये तीनों नेता इस बार भी बीजेपी से चुनाव लड़ेंगे।

नई दिल्ली। हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2019 की तरह इस बार भी कई स्पोर्ट्सपर्सन अपनी सियासी पारी का आगाज करते दिखेंगे। चर्चित पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की है। इसके साथ ही अब कयास लगाए जा रहे हैं कि विनेश फोगाट का नाम कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची में आ सकता है। कांग्रेस जल्द ही ये सूची जारी करने वाली है। हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान है। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को है। 2019 में हरियाणा विधानसभा चुनाव में तीन खिलाड़ी सियासी दंगल में उतरे थे। इनके नाम थे पहलवान बबीता फोगाट, योगेश्वर दत्त और हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह। इन तीनों खिलाड़ियों ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत केवल संदीप सिंह को मिली थी। बबीता फोगाट और योगेश्वर दत्त अपने की डेब्यू टक्कर में कामयाब नहीं हो सके। माना जा रहा है कि ये तीनों नेता इस बार भी बीजेपी से चुनाव लड़ेंगे।

बबीता फोगाट
2019 विधानसभा चुनाव में हरियाणा की चरखी दादरी जिले की दादरी विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर बबीता चुनाव में उतरीं थीं। कॉमनवेल्थ खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली बबीता फोगाट अपनी पहली सियासी टक्कर में हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार सोमवीर सांगवान ने बबीता फोगाट को 14,272 मतों के अंतर से हराया था। सोमवीर सांगवान इस सीट से 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन वे आईएनएलडी के राजदीप फोगाट से मात्र 1600 वोटों से हार गए थे। बबीता इस बार भी दादरी सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाए बैठीं है और अपने क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चला रही हैं। हालांकि बीजेपी ने अभी तक उनकी उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगाई है।

योगेश्वर दत्त
2012 के ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले योगेश्वर दत्त ने हरियाणा की बरोदा सीट से 2019 में सियासी पारी की शुरूआत की थी, लेकिन उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें कांग्रेस के कृष्णा हुड्डा ने हराया था। पद्म श्री सम्मान से सम्मानित योगेश्वर दत्त को बीजेपी ने बरोदा के रूप में ऐसी जीत पर बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी थी जहां पर पार्टी पहले कभी नहीं जीत पाई थी। इस सीट पर या तो आईएनएलडी या फिर कांग्रेस का कब्जा रहा है। 2019 में तो योगेश्वर दत्त बरोदा सीट से हारे ही 2020 में जब इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो एक बार फिर से योगेश्वर दत्त को हार का सामना करना पड़ा था। ये उपचुनाव कृष्णा हुड्डा के निधन की वजह से करवाना पड़ा था। 


इस उपचुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर से पहलवान योगेश्वर दत्त को अपना उम्मीदवार बनाया था, लेकिन इस बार भी उनका जादू लोगों पर नहीं चल पाया और वह कांग्रेस के इंदुराज नरवाल से चुनाव हार गए। हालांकि योगेश्वर दत्त इस बार एक बार फिर से बीजेपी के टिकट पर दांव आजमाना चाहते हैं, लेकिन वे इस बार वे गोहाना सीट से उतरना चाहते हैं। योगेश्वर दत्त ने कहा कि उन्होंने अपनी इच्छा से आलाकमान को अवगत करा दिया है।

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संदीप सिंह
2019 में चुनाव लड़ने वाले स्पोर्ट्सपर्सन में हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह ही लकी साबित रहे और जीतकर विधानसभा पहुंचे। संदीप सिंह कुरुक्षेत्र जिले की पिहोवा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। 2019 में उन्हें जीत मिली और उन्होंने कांग्रेस के मंदीप सिंह चिट्ठा को शिकस्त दी। तत्कालीन खट्टर सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में उन्हें खेल मंत्री बनाया, लेकिन वे विवादों में फंस गए। हरियाणा के एक जूनियर एथलेटिक्स कोच ने पूर्व मंत्री के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में नाम आने के बाद संदीप सिंह इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि संदीप सिंह अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं। अब देखना होगा कि पार्टी अपने इस सिख चेहरे को फिर से टिकट देती है या नहीं। हालांकि संदीप सिंह के सामने छेड़छाड़ के मामले से बेदाग बरी निकलकर आने की चुनौती होगी। 

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