राधा अष्टमी बुधवार को, अखंड हरिनाम संकीर्तन हुआ शुरू, प्राकट्य उत्सव तक चलेगा
गोविंददेवजी मंदिर में मंगला झांकी के दर्शन 4 बजे से होंगे
जयपुर। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी बुधवार को राधा अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। राधा अष्टमी के दिन रवि योग बनने से इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की पूजा करने का विशेष फल मिलेगा। अष्टमी तिथि मंगलवार को रात्रि में 11 बजकर 12 मिनट शुरू होगी, जिसका समापन बुधवार को रात्रि 11 बजकर 47 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर राधा अष्टमी का पर्व बुधवार को ही मनाया जाएगा।
राधाष्टमी का मुख्य उत्सव गोविंददेवजी मंदिर में होगा। मंगला झांकी दर्शन सुबह 4 बजे होंगे। इसके बाद 4.45 बजे राधारानी के अभिषेक दर्शन खोले जाएंगे। दूध, दही, घी, बूरा, शहद से पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। गोविंददेवजी मंदिर में राधाष्टमी उत्सव के तहत तीसरे दिन सोमवार को भजन-कीर्तन हुए। गोविंद के भक्तों ने एक ही पोशाक में भजनों के साथ नृत्य कर राधाजी और श्रीजी को रिझाया। मंगलवार को राधाष्टमी महोत्सव में सुबह अखंड हरिनाम महामंत्र नाम संकीर्तन बंगाली महिला कीर्तन मंडल ने किया। श्रृंगार झांकी में महंत अंजन कुमार गोस्वामी की मौजूदगी में विधिवत पूजन के साथ कीर्तन प्रारंभ किया गया। यह कीर्तन अविरल बुधवार को राजभोग झांकी तक चलेगा।
Comment List