आस्था से खिलवाड़ : तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल
जांच में हुई पुष्टि, सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पूर्व सीएम पर लगाया था आरोप
सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि जगन राज में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाई गई।
नई दिल्ली। देश में बड़े आस्था के केंद्र तिरुपति मंदिर के प्रसाद में फिश ऑयल मिलने की पुष्टि हुई है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाने का आरोप लगाया था। इसके बाद सैंपल जांच के लिए भेजे गए। अब जांच के बाद रिपोर्ट सामने आई है जिसमें फिश ऑयल मिलने की बात कही गई है।
सीएम ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया था कि जगन राज में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी मिलाई गई। एक कार्यक्रम में नायडू ने कहा था कि प्रसाद में घी की जगह जानवरों की चर्बी और घटिया क्वालिटी का सामान इस्तेमाल होता था। हमने ये सुनिश्चित किया कि प्रसाद में असली घी, साफ-सफाई और अच्छी क्वालिटी का ध्यान रखा जाए।
जगन मोहन रेड्डी का पलटवार
सीएम नायडू के इस बयान पर जगन मोहन रेड्डी की पार्टी ने भी पलटवार करते हुए कहा गया कि चंद्रबाबू नायडू ने दिव्य मंदिर तिरुमाला की पवित्रता और करोड़ों हिंदुओं की आस्था को नुकसान पहुंचाकर बहुत बड़ा पाप किया है। नायडू की तिरुमाला के प्रसाद पर की गई टिप्पणी बेहद घटिया है। मनुष्य जन्म में जन्मा कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलता और न ही ऐसे आरोप लगाता है।
तिरुपति देवस्थानम करता है संचालन
बता दें कि तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में तिरुपति लड्डू चढ़ाया जाता है, जिसका संचालन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है।
तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। श्री वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में तिरुमाला पहाड़ी पर बना है। माना जाता है कि इस पर्वत की चोटी पर भगवान विष्णु विराजित हैं। यह तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मान्यता है कि भगवान वेंकटेश्वर ने लोगों को कलियुग के कष्टों को दूर करने के लिए अवतार लिया था। इस मंदिर में अन्य मंदिरों की तरह तुलसी पत्र प्रसाद के रूप में नहीं बांटा जाता है। हालांकि भगवान को रोज यह चढ़ाया तो जाता है लेकिन बाद में मंदिर में बने कुएं में इसको डाल दिया जाता है।
बालाजी ने यहीं दिए थे रामानुजाचार्य को साक्षात दर्शन
कहा जाता है कि श्रीरामानुजाचार्य जी लगभग डेढ़ सौ साल तक जीवित रहे और उन्होंने सारी उम्र भगवान विष्णु की सेवा की, जिसके फलस्वरूप यहीं पर भगवान ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए थे।
लोग बालों का करते हैं दान
मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने मन से सभी पाप और बुराइयों को यहां छोड़ कर जाता है, उसके सभी दु:ख देवी लक्ष्मी खत्म कर देती हैं। इसलिए यहां अपनी सभी बुराइयों और पापों के रूप में लोग अपने बाल छोड़ जाते हैं।
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