पंजाब, हिमाचल के जलस्तर में 36 से 49 फीट तक गिरावट
जल स्तर राजस्थान की सिंचाई और बिजली उत्पादन आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण
पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पिछले लगभग तीन महीनों से बरसात नहीं होने के चलते इन राज्यों में सूखे जैसी स्थिति उत्पन हो गई है
जालंधर। पंजाब और हिमाचल प्रदेश में पिछले लगभग तीन महीनों से बरसात नहीं होने के चलते इन राज्यों में सूखे जैसी स्थिति उत्पन हो गई है। रणजीत सागर बांध, भाखड़ा बांध और पोंग जलाशयों में जल स्तर पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की सिंचाई और बिजली उत्पादन आवश्यकताओं के लिए महत्वपूर्ण है, पर बरसात की कमी के काराण पंजाब में स्थित हाइड्रो परियोजनाओं से हाइड्रो उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम होने की संभावना है। क्योंकि इन जलाशयों में जल स्तर पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कम है। वर्षा के अभाव में पंजाब, हिमाचल के जलाशयों के जल स्तर में 36 से 49 फीट तक की कमी दर्ज की गई है। पंजाब राज्य बिजली बोर्ड की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, रणजीत सागर बांध के मामले में स्तर 1636.7 फीट है, जो पिछले साल इसी दिन 1672.4 फीट के जल स्तर से 36 फीट कम है।
इस स्तर पर उत्पादन क्षमता 91 मिलियन यूनिट है, जबकि पिछले साल इसी दिन 221 एमयू की क्षमता थी। भाखड़ा जलाशय में मंगलवार को 17 दिसंबर को जल स्तर 1619.5 फीट है और यह पिछले साल के 1640.0 फीट के स्तर से 20.5 फीट कम है। इसके अलावा यह 1680 फीट की अधिकतम भराव सीमा से 49 फीट कम है। इस साल उत्पादन क्षमता पिछले साल के 1088 लाख युनिट के मुकाबले 858 लाख युनिट है। इसी प्रकार पोंग बांध में 17 दिसंबर को स्तर 1331.5 फीट है। पिछले साल इसी दिन जलस्तर 1366.2 फीट था। यह पिछले साल की तुलना में 36 फीट कम है। इस जल स्तर से इस साल उत्पादन क्षमता पिछले साल के 743 लाख युनिट के मुकाबले 370 लाख युनिट हो सकती है।
एआईईपीएफ के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने मंगलवार को बताया कि नवीनतम जलाशय भंडारण बुलेटिन के अनुसार चालू वर्ष के दौरान भंडारण पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में कम है और इसी अवधि के दौरान सामान्य भंडारण से भी कम है। हिमाचल प्रदेश में तीन जलाशयों का लाइव स्टोरेज पूर्ण जलाशय स्तर का 49 प्रतिशत है जबकि पिछले साल यह 69 प्रतिशत था।
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