दूसरे दिन भी रेजीडेंट्स ने किया कार्य बहिष्कार, कमेटी पहुंची कॉलेज, रेजीडेंट्स सहित सभी पक्षों के लिए बयान

प्रिंसिपल को हटाने की मांग पर अड़े रेजीडेंट्स, आज चिकित्सा मंत्री से मिलेंगे

दूसरे दिन भी रेजीडेंट्स ने किया कार्य बहिष्कार, कमेटी पहुंची कॉलेज, रेजीडेंट्स सहित सभी पक्षों के लिए बयान

प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार एपीओ, डॉ. अंजली कपूर को कार्यवाहक प्रिंसिपल लगाया। इस पूरे मामले में आरयूएचएस प्रशासन भी सवालों के घेरे में है।

जयपुर। शास्त्री नगर स्थित डेंटल मेडिकल कॉलेज प्रशासन और रेजिडेंटस के बीच विवाद बढ़ता ही जा रहा है। रेजीडेंट्स जहां प्रिंसिपल को हटाने की मांग पर अड़े हैं, वहीं प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। रेजीडेंट्स ने विरोध स्वरूप लगातार दूसरे दिन भी काम बंद रखा। इस दौरान मरीज परेशान होते रहे।

इस बीच आरयूएचएस प्रशासन की ओर से मामले की जांच के लिए गठित कमेटी ने भी डेंटल कॉलेज पहुंचकर रेजीडेंट्स, प्रिंसिपल सहित सभी पक्षों के लिखित में बयान लिए। वहीं इन सबके बीच सामने आए विवाद ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। डेंटल मेडिकल कॉलेज में निजी चिकित्सक के दखल को लेकर आरयूएचएस प्रशासन के पास तीन माह पहले ही शिकायत पहुंच चुकी थी, लेकिन विवि प्रशासन ने सख्त एक्शन के बजाय खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली। इसी अनदेखी का नतीजा रहा कि अब रेजिडेंट्स न सिर्फ  खुलकर विरोध में आ गए हैं, बल्कि करप्शन से जुड़े उन्होंने कई तरह के चौंकाने वाले खुलासे भी करने शुरू कर दिए हैं। वहीं देर शाम को आरयूएचएस प्रशासन ने मामले में कार्रवाई करते हुए जांच रिपोर्ट आने तक प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार को एपीओ कर दिया है। इसके साथ ही डॉ. अंजली कपूर को कार्यवाहक प्रिंसिपल का जिम्मा सौंपा है। 

निजी डॉक्टर से नजदीकियां, रेजीडेंट्स पर रौब
रेजीडेंट्स ने प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार के खिलाफ  खुले तौर पर मोर्चा खोल रखा है, रेजीडेंट डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल डॉ. विनय कुमार के साथ एक निजी क्लिनिक की महिला डॉक्टर ऑफिस में बैठ जाती है और उन पर रौब जमाने का काम करती है। हर रेजीडेंट से बदतमीजी से बात करती है और परीक्षा में फेल करने की धमकी देती है। रेजीडेंट ने आरोप लगाया कि यह महिला डॉक्टर निजी क्लिनिक चलाती है फिर भी अस्पताल में सर्जरी करने आती है। उन्होंने बताया कि इसको लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन इसके बाद भी प्रिंसिपल उन्हीं को डराने और धमकाने का काम करते हैं।

आरयूएचएस प्रशासन ने पहले बरती ढिलाई
इस पूरे मामले में आरयूएचएस प्रशासन भी सवालों के घेरे में है। दरअसल, विवि प्रशासन को जून माह में ही निजी चिकित्सक के दखल समेत इस तरह की कई गंभीर शिकायतें मिल गई थी। बावजूद इसके कोई सख्त एक्शन लेने के बजाय कॉलेज प्रशासन को ही पाबंद करके इतिश्री कर ली गई। अब जब रेजीडेंट्स खुलकर सामने आए और कार्य बहिष्कार किया, तब जाकर हरकत में आए आरयूएचएस प्रशासन की तरफ  से गठित कमेटी ने कॉलेज पहुंचकर जांच शुरू की है। कमेटी सदस्यों ने बताया कि जल्द ही रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी जाएगी।

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