राजेन्द्र विजय के आज खंगाले जाएंगे सभी लॉकर और दौसा का पैतृक मकान

ड्राइवर-नौकरों समेत रिश्तेदारों से भी हो सकती है पूछताछ, एनजीओ के दस्तावेजों की भी होगी जांच

राजेन्द्र विजय के आज खंगाले जाएंगे सभी लॉकर और दौसा का पैतृक मकान

राजेन्द्र विजय ने अपनी सम्पत्ति के बारे में एसीबी को भी आधी-अधूरी जानकारी दी थी।

जयपुर। प्रमोट होकर आईएएस बने और उसके बाद कोटा संभागीय आयुक्त के पद से एपीओ हुए राजेन्द्र विजय की अकूत सम्पत्ति का हिसाब अभी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीमें लगा रही हैं। इनके करीब डेढ़ दर्जन से अधिक खातों की जांच पूरी तरह से की जानी है। एक प्राइवेट लॉकर का पता चला है, जबकि अन्य बैंकों से संपर्क कर एसीबी जानकारी जुटा रही है।

एसीबी की टीमों ने राजेन्द्र विजय के बेटे की एनजीओ संकल्प इण्डिया की भी जांच करना शुरू किया है। एसीबी जांच कर रही है कि एनजीओ के पास धन कहां से आया और कहां पर खर्च हुआ। राजेन्द्र विजय ने अपनी सम्पत्ति के बारे में एसीबी को भी आधी-अधूरी जानकारी दी थी।

एसीबी डीआईजी कालूराम रावत ने बताया कि एसीबी की टीमें अवकाश के कारण लॉकर्स को नहीं खंगाल पाई हैं। बैंक खुलने के बाद बैंक लॉकर की जांच होगी। इसके अलावा अलग-अलग बैंकों के स्टेटमेंट भी निकाले जाएंगे। इनके अलावा दौसा के सिकराय दुब्बी स्थित सील किए मकान को भी राजेन्द्र विजय या उनके परिजन की मौजूदगी में खंगाला जाएगा। 

प्राइेवट लॉकर में मिल सकता है बड़ा खजाना
एसीबी की माने तो जिस तरीके से राजेन्द्र विजय ने अकूत सम्पत्ति इकट्ठी की और प्राइवेट लॉकर लिया तो इससे बड़ा खुलासा हो सकता है। इस लॉकर में सोना-चांदी और नकदी समेत चल-अचल संपत्ति के दास्तावेज मिल सकते हैं।

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गौरतलब है कि आईएएस के 16 बैंक खातों में लाखों जमा है। सर्च में 13 रेजीडेंशियल-कॉमर्शियल जमीन, 2 लाख 22 हजार रुपए नकद, 335 ग्राम सोना, 11 किलो 800 ग्राम चांदी, 3 चौपहिया वाहन और बीमा पॉलिसी मिली थीं।

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