महात्मा गांधी अस्पताल में रोबोट से किया बैरिएट्रिक ऑपरेशन
रोबोटिक सर्जरी में कम जोखिम होता है
यह उपलब्धि मेटाबॉलिक सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो उन्नत चिकित्सा तकनीकी स्तर को बयां करती है।
जयपुर। सीतापुरा स्थित महात्मा गांधी अस्पताल में अब मोटापा सर्जरी भी रोबोटिक तकनीक से की जा रही है। हाल ही में गैस्ट्रो सर्जन डॉ विनय महला ने 141 किलो वजनी महिला को जिसका बीएमआई 60 से अधिक था बैरिएट्रिक सर्जरी कर राहत दिलाई है।
डॉ महला के ने बताया कि यह सर्जरी 35 वर्षीय महिला को अधिक बीएमआई के कारण डायबिटीजए हृदय रोग और स्लीप एपनिया जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। रोबोटिक तकनीक के उपयोग से सर्जरी में अधिक सटीकता और कम जटिलताएं सुनिश्चित हुई जिससे मरीज की तेजी से रिकवरी संभव हो सकी। सामान्य सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में कम जोखिम होता है और परिणाम बेहतर होते हैं।
यह उपलब्धि मेटाबॉलिक सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है जो उन्नत चिकित्सा तकनीकी स्तर को बयां करती है। डॉ महला ने बताया कि मेटाबॉलिक सर्जरी मोटापे और उससे जुड़े विकारों जैसे टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और स्लीप एपनिया के इलाज में बेहद महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ वजन घटाने तक सीमित नहीं है बल्कि मेटाबॉलिक संतुलन को बहाल करने में भी मदद करती है जिससे मरीजों की जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है।
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