बंद होगा हर माह 15 हजार लीटर फ्री पानी, जलदाय विभाग ने भेजा प्रस्ताव
गहलोत सरकार का एक और फैसला बदलने की तैयारी
गहलोत ने वर्ष 2019 में हर माह 15 हजार लीटर तक पानी का उपभोग करने वालों को फ्री की सौगात दी थी।
जयपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पेयजल उपभोक्ताओं को हर माह 15 हजार लीटर तक पानी फ्री देने की योजना को मौजूदा भाजपा सरकार ने बदलने की तैयारी कर ली है। जलदाय विभाग ने इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा है। इस पर उच्च स्तरीय मंथन के बाद फैसला होने की संभावना है।
हालांकि योजना का लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिल रहा है, जिनके पानी के मीटर चालू है। बंद मीटर वाले उपभोक्ताओं से पानी का चार्ज वसूला जा रहा है। गहलोत ने वर्ष 2019 में हर माह 15 हजार लीटर तक पानी का उपभोग करने वालों को फ्री की सौगात दी थी।
पानी चार्ज की यूं वसूली
विभाग के अनुसार 15 हजार लीटर तक मासिक जल उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को स्थायी शुल्क और मीटर सर्विस शुल्क के रूप में प्रतिमाह 49 रुपए 50 पैसे का बिल देना होता है। इन्हें 55 रुपए का वाटर चार्ज और 18 रुपए 15 पैसे का सीवरेज शुल्क नहीं देना होता। 15 हजार से 30 हजार लीटर तक 4.40 रुपए प्रति हजार लीटर और 30 हजार से ज्यादा उपभोग पर 5.50 रुपए प्रति हजार लीटर शुल्क देय है।
छह साल से नहीं बढ़ी दरें
प्रदेश में पानी की दरों में 2018 में बढ़ोतरी की गई थी। विभाग के 2015 के आदेश में प्रावधान किया हुआ है कि हर साल एक अप्रैल से पानी की दरों में दस प्रतिशत की बढ़ोतरी स्वत: ही हो जाएगी। हालांकि यह केवल पानी व सीवरेज चार्ज में वृद्धि है। इसके अलावा अन्य शुल्क में 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी के आसार होते है। ऐसे में पिछले छह साल से पानी दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ हैं।
जिन उपभोक्ताओं के पानी के मीटर चालू है, केवल उन्हीं को 15 हजार तक हर माह पानी फ्री है। दिनों-दिन योजनाओं में लागत बढ़ रही है, जबकि राजस्व का प्रतिशत बहुत कम है, इस पर विचार किया जा रहा है।
- संदीप शर्मा, सीई एवं अतिरिक्त सचिव पीएचईडी
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