सुरसा के मुंह सी महंगाई : खुदरा मुद्रास्फीति नौ माह के उच्चतम स्तर पर
5.49 प्रतिशत पर पहुंची, सब्जियों ने बिगाड़ा थाली का जायका
सितंबर, 2024 में मुद्रास्फीति दर में उछाल मौसम की स्थिति के कारण विशेष रूप से सब्जियों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों के ऊंचा बने रहने के साथ-साथ तुलनात्मक आधार के प्रभाव के कारण भी है।
नई दिल्ली। विशेष रूप से खाद्य कीमतों में तेजी के चलते देश में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर 2024 में उछल कर 5.49 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह खुदरा मुद्रास्फीति का नौ माह का उच्चतम स्तर है। अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति 3.65 प्रतिशत थी। सितंबर में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति क्रमश: 5.87 प्रतिशत और 5.05 प्रतिशत रही।
ऊंची रहीं खाद्य वस्तुओं की कीमतें
सितंबर, 2024 में मुद्रास्फीति दर में उछाल मौसम की स्थिति के कारण विशेष रूप से सब्जियों और अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों के ऊंचा बने रहने के साथ-साथ तुलनात्मक आधार के प्रभाव के कारण भी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल सितंबर में खाद्य मुद्रास्फीति पिछले महीने के 5.66 प्रतिशत से बढ़कर 9.24 प्रतिशत हो गई।
जुलाई-अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति में थी नरमी
जुलाई और अगस्त में खुदरा मुद्रास्फीति में काफी नरमी दिखी थी, जो मुख्य रूप से तुलनात्मक प्रभाव के कारण थी। इन दो महीनों के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति में कुछ हद तक सुधार हुआ।
अनियमित मानसून से फसलों को नुकसान
मिलवुड केन इंटरनेशनल के संस्थापक और सीईओ निश भट्ट ने कहा, ‘‘सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा अधिकांश अनुमानों से अधिक है। इसका जिसका मुख्य कारण खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति का 9.24 प्रतिशत तक ऊंचा जाना होना है। अनियमित मानसून से देश के कई हिस्सों में फसलों को नुकसान पहुंचा है।
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