असर खबर का - परवन नदी एनीकट पर ग्रामीणों ने 13 गेट लगाए
लाखों लीटर पानी व्यर्थ बहने से बचेगा
दैनिक नवज्योति ने खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी उसके बाद चार गांव के ग्रामीणों ने मिलकर एनीकट के 13 गेट लगा दिए।
मनोहरथाना। परवन नदी में बने एनीकट के 13 गेट चार गांव के ग्रामीणों ने मिलकर लगाए। इससे एनीकट का पानी व्यर्थ होने से बच जाएगा। दैनिक नवज्योति ने खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी उसके बाद चार गांव के ग्रामीणों ने मिलकर एनीकट के 13 गेट लगा दिए। वही प्रत्येक गेट में करीबन 3 टन भी अधिक वजन है। ग्रामीणों ने बताया कि एनीकट के गेट हर साल पीएचडी विभाग द्वारा दशहरे के आस पास लगाए जाते थे जिससे करीबन 15 गांव के ग्रामीणों को पीएचडी विभाग द्वारा गांवों में सार्वजनिक नलों के माध्यम से पीने का पानी दिया जाता था साथ ही करीबन 20 गांव के लोगों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी काम में लेते थे। लेकिन इस साल पीएचईडी विभाग द्वारा एनीकट के गेट नहीं लगाए। वही पीएचईडी विभाग के अधिकारियों का कहना था कि एनीकट हमारे कोई काम नहीं आ रहा है एनीकट का पानी खेतों में सिंचाई के लिए काम में लिया जाता है तो सिंचाई विभाग वाले ही इस बार एनीकट के गेट लगाएंगे या फिर ग्राम पंचायत लगाएगी लेकिन उधर सिंचाई विभाग के कर्मचारियों का कहना था कि यह एनीकट पीएचईडी विभाग के अधीन है तो पीएचईडी विभाग ही एनीकट के गेट लगाएगा। वही इस खबर को दैनिक नवज्योति प्रमुखता से प्रकाशित की उसके बाद बांसखेड़ा, जावरी, मोग्याबह, ढाबा गांव के ग्रामीण एकत्रित हुए और एक नई पहल कर अपने स्तर पर स्वयं के खर्चे पर एनीकट के गेट लगाए । परवन नदी में बने एनीकट में ग्रामीणों ने 13 गेट लगाकर लाखों लीटर व्यर्थ बह रहे पानी को रुक दिया।
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