सजी-धजी जीपें, ऊंटगाड़ी की सवारी, मिट्टी के बर्तन गढ़ता चाक राजस्थानी गीत-संगीत, बाजरे की रोटी और ग्वार फली का साग

ग्रामीण पर्यटन की ओर भी आकर्षित हो रहे मेहमान

सजी-धजी जीपें, ऊंटगाड़ी की सवारी, मिट्टी के बर्तन गढ़ता चाक राजस्थानी गीत-संगीत, बाजरे की रोटी और ग्वार फली का साग

विदेशी पर्यटक अब केवल जयपुर के महलों और किले तक ही सीमित नहीं रहना चाहते। बल्कि वे अब राजस्थान के गांवों की ओर रुख कर रहे हैं।

जयपुर। प्रदेश अपनी सांस्कृतिक धरोहर, ग्रामीण जीवन और मेहमान नवाजी के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। विदेशी पर्यटक अब केवल जयपुर के महलों और किले तक ही सीमित नहीं रहना चाहते। बल्कि वे अब राजस्थान के गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। जयपुर के आसपास स्थित गांवों में जाकर ग्रामीण जीवनशैली, खेती-बाड़ी, मवेशियों का रखरखाव और ऊंटगाड़ी की सवारी जैसे अनुभव पर्यटकों को गहराई तक छू रहे हैं।

जीप सफारी टू विलेज’ एक अनूठा टूर पैकेज बन गया है जिसमें सजी-धजी जीपों के जरिए पर्यटकों को गांवों तक ले जाया जाता है। सफर के दौरान ऑफ रोडिंग का रोमांच और गांव पहुंचने पर पारंपरिक राजस्थानी आतिथ्य, स्थानीय भोजन बाजरे की रोटी और ग्वारफली का साग बड़े चाव से खाते हैं, संगीत और नृत्य का आनंद उन्हें एक यादगार अनुभव देता है। 

ऊंट गाडी की सवारी का भी एक्स्पीरियंस
ग्रामीण जीवन का अनुभव लेने के साथ ही विदेशी पर्यटक मटके और मिट्टी के दीये बनाने के साथ ही यहां ऊंट गाडी की सवारी का भी एक्स्पीरियंस ले रहे हैं। वहीं ग्रामीणों को भी मेहमानों के आने पर अच्छा लगता है। अब पर्यटक किले-महलों के अतिरिक्त ग्रामीण पर्यटन का अनुभव लेने में पीछे नहीं हैं। 

ग्रामीण जीवन का वास्तविक अनुभव लेना चाहते हैं पावणे
पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक ने बताया कि जयपुर के आसपास बगवाड़ा, धूला और सामोद जैसे गांव ‘जीप सफारी टू विलेज’ के लिए बेहद लोकप्रिय स्थलों के रूप में प्रसिद्धी पा रहे हैं। इन गांवों में ग्रामीण जीवन का वास्तविक अनुभव, खेतों में काम करते किसानों को देखना, पारंपरिक रिवाजों को समझना और स्थानीय संस्कृति में शामिल होना विदेशी पर्यटकों को खासा लुभाता है। ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने में लोकल टूर आपरेटर्स बहुत ही अहम भूमिका निभा रहा है। इस तरह के अनूठे अनुभव न केवल प्रमोट हो रहे हैं, बल्कि इनसे ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करने का प्रयास किया जा सकता है

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पांवणों का गांव आना अच्छा लगता है
बगवाड़ा हेरिटेज की पुष्पा कंवर ने बताया कि विदेशी पांवणों का गांवों में आना अच्छा लगता है। विदेशी मेहमानों के आगमन से गांव की अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। इन प्रयासों के जरिए हम अपनी परंपरा और संस्कृति को भी संजोकर रख सकते हैं।

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