पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन, श्रद्धालुओं ने कीं आहुतियां अर्पित
श्रद्धामय वातावरण में ढाई सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित कीं
कार्यक्रम संयोजक और उत्थान सेवा संस्थान के अध्यक्ष कैप्टन शीशराम चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया।
जयपुर। पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन झोटवाड़ा की सूर्य विहार विस्तार कॉलोनी के योग पार्क में हुआ। श्रद्धामय वातावरण में ढाई सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित कीं। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी से आए यज्ञाचार्य दिनेश कुमार ने कहा कि हर श्रेष्ठ कार्य ही यज्ञ है और पूरा संसार ही यज्ञशाला है। जो अपने ज्ञान, समय, साधना, धन का एक अंश श्रेष्ठ कार्यों में लगा रहा हैं, वह वास्तव में यज्ञ ही कर रहा है। देशभक्ति पूर्ण प्रज्ञा गीतों ने माहौल में जोश भर दिया। शौर्य और शहादत को समर्पित महायज्ञ का शुभारंभ राष्ट्र गान के साथ हुआ।
शहीद हिम्मत सिंह के पिता किशोर सिंह शेखावत, शहीद रणवीर सिंह की मां शरबती देवी और शहीद कैप्टन योगेश अग्रवाल के परिजनों ने दीप प्रज्ज्वलित किया। वेद माता मां गायत्री, पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य, भगवती देवी शर्मा के पूजन के बाद देवी- देवताओं का आह्वान कर पूजन किया गया। युवा और बच्चों में सेना में जाकर मातृभूमि रक्षा करने का भाव जागृत करने के लिए देव पूजन के साथ शहीदों के चित्र और उन्हें मिले वीरता, शौर्य पदक का अक्षत और पुष्प से पूजन किया गया। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार, उत्थान सेवा संस्थान, पतंजलि किसान सेवा समिति की ओर से आयोजित यज्ञ में कैप्टन शिशुपाल, कैप्टन धर्मपाल सिंह शेखावत, सूबेदार लाखन सिंह, सूबेदार इंद्रेश दुबे सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम संयोजक और उत्थान सेवा संस्थान के अध्यक्ष कैप्टन शीशराम चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया। यज्ञ की पूर्णाहुति में किया नशा छोड़ने का संकल्प-आयोजन स्थल पर नशा मुक्ति प्रदर्शनी भी लगाई गई। विभिन्न माध्यमों से लोगों को बताया गया कि नशा किस तरह व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र को खोखला कर रहा है। इस सामाजिक बुराई को तुरंत छोड़ने में ही सभी की भलाई है। इस मौके पर लोगों ने यज्ञ की पूर्णाहुति में नशा छोडने का संकल्प लिया। प्रेरक साहित्य नि:शुल्क वितरित किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिवानंद त्रिपाठी ने किया। गोपाल पारीक ने आभार जताया।
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