सोशल मीडिया का एंटी सोशल रोल, रिश्तों में पड़ रहा झोल, अब उम्रदराज भी भूल रहे रिश्तों का मोल
समझाइश की उम्र में ईगो की पैदाइश, सोशल मीडिया से रिसते रिश्ते
वाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के कारण लोगों के रिश्तों में दरारें आ रही हैं।
जयपुर। वाट्सअप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के कारण लोगों के रिश्तों में दरारें आ रही हैं। युवा तो युवा, वे उम्रदराज पति-पत्नी भी अब अदालतों में तलाक लेने पहुंच रहे हैं, जिन पर छोटों को समझाने और परिवारों को एक रखने की बड़ी जिम्मेदारी है। सोशल मीडिया की इस एंटी सोशल भूमिका के कारण समझाइश की उम्र में ईगो आसमान छू रहा है, और लोग छोटी-छोटी बातों पर भड़क रहे हैं। ऐसे में अदालतें अच्छी भूमिका निभा रही हैं और वे दरकते रिश्तों को नई गरमाहट दे रहे हैं।
इन कारणों से टूट रहे हैं रिश्ते
जवाहरनगर निवासी अधिवक्ता राजकुमार गुप्ता का कहना है कि सोशल मीडिया, दोनों का ईगो, महिला के पीहर पक्ष का अत्यधिक हस्तक्षेप और एक दूसरे से अपेक्षा से अधिक उम्मीद रखने के कारण परिवार टूट रहे हैं। वहीं शास्त्रीनगर निवासी अधिवक्ता आराधना गुप्ता का कहना है कि सोशल मीडिया पति-पत्नी के बीच शक का बीज बोता है और बात रिश्ता खत्म करने तक पहुंच जाती है।
केस 01
सोशल मीडिया मैसेज देख आई दरार
अक्टूबर, 2019। सरकारी अधिकारी अपनी मां की बातों को सच मान बैठा। उसने खुुद भी पत्नी के मोबाइल में अनजान व्यक्ति का मैसेज देखे। दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगीं। दोनों तीन साल तक अलग रहे। मामला तलाक के लिए कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट के जज और काउंसलर ने मामले को समझा तो उन्हें साफ दिखाई दिया कि यह सिर्फ आपसी गलतफहमी है। उन्होंने समझाया और अंत में दोनों के रिश्तों में पुराना प्रेम लौट आया। अब दोनों प्रसन्न हैं।
केस 02
बार-बार पीहर जाने पर हुई अनबन
फैमिली कोर्ट में दायर इस केस में पति 57 साल और पत्नी 53 साल की थी। पत्नी के बार-बार पीहर जाने की बात को लेकर दोनों में विवाद शुरू हुआ था, जो बाद में तलाक तक पहुंच गया। मामले में कोर्ट की समझाइश पर दोनों एक बार फिर साथ रहने को तैयार हुए।
केस03
महिला मित्र के कारण अलग होने का लिया फैसला
इस मामले में बैंक अधिकारी पति का शादी के करीब एक दशक बाद महिला मित्र के प्रति झुकाव हो गया। वहीं, महिला भी शादी के लिए दबाव बनाने लगी। इस कारण पति पत्नी के बीच तनाव हो गया और दोनों ने सहमति से तलाक के लिए अर्जी पेश कर दी। छह माह की समझाइश के बाद पति ने गलती पर पछतावा जताते हुए पत्नी को अपनाया।
इनका कहना है
इस संबंध में फैमिली कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस शेखावत का कहना है कि समाज को शिक्षित होने के साथ सजग होने की जरूरत है, ताकि रिश्ते बच सकें। वैसे मजिस्ट्रेट और काउंसलर भी परिवार जोड़ने में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
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