अजमेर दरगाह में मंदिर विवाद चाय के प्याले में तूफान जैसा, कांग्रेस का विरोध करने का काम : राठौड़
धर्मपरिवर्तन के कामों पर लग सकेगा शिकंजा
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने अजमेर दरगाह में मंदिर विवाद पर कहा है कि 'ये चाय के प्याले में तूफान जैसा है
अजमेर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने अजमेर दरगाह में मंदिर विवाद पर कहा है कि 'ये चाय के प्याले में तूफान जैसा है। अभी न्यायालय ने वाद स्वीकार कर केवल नोटिस जारी किये हैं। अजमेर में एक सामाजिक कार्यक्रम में शिरकत करने आये राजस्थान विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि मामला न्यायालय में एडमिशन स्टेज पर है। हर व्यक्ति को न्यायालय में बात रखने का अधिकार है, लेकिन अभी न्यायालय ने कोई आदेश नहीं दिया हैय। हम सबका देश की न्याय व्यवस्था पर विश्वास है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विरोध करने का काम है, जबकि उपचुनाव में जनता आईना दिखा चुकी है।
राठौड़ ने पहली वर्षगांठ की ओर बढ़ रही राज्य की भजनलाल शर्मा सरकार के नीतिगत निर्णय जनता के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अल्प समय में ही ऐतिहासिक कार्य किये है। उन्होंने गैर कानूनी तरीके से धर्मपरिवर्तन पर अध्यादेश लाने, कानून बनाने तथा दोषियों को 10 साल की सजा के प्रावधान को कपटपूर्ण तरीकों से धर्मपरिवर्तन के कामों पर शिकंजा लग सकेगा।
उन्होंने कहा कि 38 हजार करोड़ की अर्थव्यवस्था को आने निवेश के माध्यम से मजबूती मिलेगी। यह कोई साधारण काम नहीं है। उन्होंने कहा कि 11 माह के कालखंड में ही जनमानस पर खड़ा उतर रही भाजपा की भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली सरकार लम्बे अंतराल के बाद शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लघु एवं मध्य उद्योग के लिए 50 फीसदी तक का सहयोग का प्रस्ताव उल्लेखनीय है। सरकार की एक जिला-एक उत्पाद नीति भी क्षेत्रीय विकास में उल्लेखनीय है।
राठौड़ ने 'वन स्टे-वन इलैक्शन के माध्यम से चुनाव की बात कही और कहा कि सरकार एक साथ चुनाव कराये जाने की पक्षधर है। उन्होंने कहा कि पहले पंचायत चुनाव 13 माह तक चलने का अनुभव किसी के लिए ठीक नहीं रहा। प्रधानमंत्री मोदी भी एक साथ चुनाव कराने के पक्षधर है। राज्य में सरकार के एक साल पूरा होने पर मंत्रीमंडल विस्तार के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। उन्होंने स्वयं का पार्टी का साधारण कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि वे मंत्री भी रह चुके। वह अपनी ओर से किसी पद के दावेदार नहीं है। पार्टी का जो आदेश मिलेगा, मान्य होगा
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