भारत पहली बार थॉमस कप के फाइनल में पहुंचा
सेमीफाइनल में डेनमार्क को 3-2 से हराया, खिताबी टक्कर कल इंडोनेशिया से
भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने एचएस प्रणय के निर्णायक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन की बदौलत डेनमार्क को शुक्रवार को 3-2 से हराकर पहली बार थॉमस कप के फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही इतिहास रच दिया।
बैंकाक। भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने एचएस प्रणय के निर्णायक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन की बदौलत डेनमार्क को शुक्रवार को 3-2 से हराकर पहली बार थॉमस कप के फाइनल में प्रवेश करने के साथ ही इतिहास रच दिया। भारतीय टीम इससे पहले 1952, 1955 और 1979 में सेमीफाइनल में पहुंची थी। भारत का खिताब के लिए रविवार को होने वाले फाइनल में इंडोनेशिया से मुकाबला होगा। भारतीय टीम 43 साल के अंतराल के बाद सेमीफाइनल में खेल रही थी। प्रणय ने रेस्मस गेमके के खिलाफ पहला गेम हारने के बाद शानदार वापसी करते हुए 13-21, 21-9, 21-12 से जीत हासिल की और भारत को फाइनल में पहुंचा दिया।
इससे पूर्व भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने गुरुवार को मलेशिया को 3-2 से हराकर 43 साल के लम्बे इन्तजार के बाद थॉमस कप टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। भारत 2020 में पिछले संस्करण के क्वार्टर फाइनल में हार गया था। किदाम्बी श्रीकांत, एच इस प्रणय और चिराग शेट्टी तथा सात्विक सैराज रैंकीरेड्डी की जोड़ी ने अपने अपने मुकाबले जीतकर भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाया। विश्व के सातवें नंबर के खिलाड़ी लक्ष्य सेन अपना मुकाबला हार गए।
शुरुआती मैच में हारे लक्ष्य
पहले मैच में लक्ष्य सेन को विश्व के नंबर छह खिलाड़ी ली जी जिया ने हरा दिया, जिसके बाद भारतीय टीम बैकफुट पर चली गई। इस मैच से पहले सेन ने जी जिया के खिलाफ खेले गए दोनों मैच जीते थे। हालांकि इस मैच में मलेशिया के जी जिया सेन पर हावी रहे और उन्होंने सेन को 23-21, 21-9 से मात दी। चिराग शेट्टी और रैंकीरेड्डी की भारतीय पुरुष जोड़ी ने दूसरे मैच में स्कोर बराबर किया। इस जोड़ी ने फॉर्म में चल रहे गोह स्जे फी और नूर इजुद्दीन को हराकर मैच 21-19, 21-15 से जीता।
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