गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में CBI का एक्शन, यूपी, बंगाल और राजस्थान में 40 जगहों पर एक साथ छापेमारी

गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में CBI का एक्शन, यूपी, बंगाल और राजस्थान में 40 जगहों पर एक साथ छापेमारी

सीबीआई की एंटी करप्शन विंग ने गोमती रिवर फ्रंट मामले में बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई ने यूपी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल सहित 40 से अधिक स्थानों पर छापा मारा है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बने सौंदर्य स्थल के रूप में चर्चित रिवर फ्रंट में घोटाला मामले में सीबीआई की 40 टीमों ने सोमवार को लखनऊ, गाजियाबाद सहित 17 जिलों व शहरों में छापेमारी की। इतना ही नहीं सीबीआई ने यूपी के अलावा उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी छापेमारी की गई है। सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन विंग ने रिवर फ्रंट घोटाले में दर्जनों लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उत्तर प्रदेश में लखनऊ के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा और आगरा में छापेमारी की गई। शुक्रवार को ही सीबीआई ने रिवर फ्रंट घोटाला मामले में 189 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।

गौरतलब है कि अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में गोमती नदी के तट पर बने रिवर फ्रंट को समाजवादी पार्टी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद से ही इसमें बड़े घोटाले के आरोप लगते रहे थे। प्रदेश में 2017 में भाजपा सरकार आने पर मामले की जांच की बात कही गई थी, जिसके बाद से कई अफसरों के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। मामले में अब फिर से छापेमारी का दौर शुरू हो चुका है। करीब 1500 करोड़ रुपए के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय भी मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच कर रहा है। राज्य सरकार ने 4 साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। उससे पहले अप्रैल 2017 में प्रदेश सरकार ने रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।

जांच के बाद गोमती नगर थाने में कई अधिकारियों के खिलाफ कमेटी ने एफआईआर दर्ज कराई थी। उसी एफआईआर को आधार बनाकर सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज की। एक इंजीनियर रूप सिंह की गिरफ्तारी इस मामले में कुछ ही दिन पहले की गई थी। रिवर फ्रंट परियोजना के तहत अकेले सिंचाई विभाग ने 800 से अधिक टेंडर जारी किए थे। इनमें नियमों को दरकिनार कर ठेकेदारों को काम दिया गया था। उस समय लखनऊ खंड शारदा नहर के अधिशासी अभियंता रूप सिंह के खिलाफ सीबीआई को पर्याप्त सुबूत मिले थे। बता दें कि लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट के लिए सपा सरकार ने 1513 करोड़ स्वीकृत किए थे। इसमें से 1437 करोड़ रुपए जारी होने के बाद भी 60 फीसदी काम ही हुआ यानि 95 फीसदी बजट जारी होने के बाद भी 40 फीसदी काम अधूरा ही रहा। 

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