देश के इन हिस्सों में लगता है सावन का मेला

सावन 59 दिनों का 

देश के इन हिस्सों में लगता है  सावन का मेला

लखीमपुर-खीरी में स्थित गोला के गोकर्णनाथ को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। सावन के महीने में यहां की छटा निराली होती है। श्रावण मास में यहां कांवड़ियों और शिव साधकों की भीड़ पहुंचती है। 

सावन के पावन महीने में शिव मंदिरों की रौनक देखने लायक होती है। इस पवित्र महीने में विशेष मेलों का आयोजन भी किया जाता है। सावन में लगने वाले इन मेलों को श्रावणी मेला कहा जाता है। इन मेलों में भगवान शिव के भक्तों का हुजूम उमड़ता है। इसमें ज्यादातर कांवड़िये शामिल होते हैं ,जो कांवड़ में पवित्र गंगाजल लेने आते हैं।

सावन 59 दिनों का 
साल 2023 का सावन बहुत खास है। अधिकमास होने की वजह से इस बार सावन 59 दिनों का होगा। इस साल श्रावणी मेले का आगाज सावन माह के साथ ही शुरू हो जाता है। इस साल सावन 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। 

हरिद्वार का श्रावणी मेला 
सावन के महीने में शिव भक्तों की सेना हरिद्वार पहुंचती है। यहां सावन में बहुत बड़े मेले का आयोजन होता है। सावन माह का शुभारंभ होने के साथ ही शिव भक्तों का यहां आना शुरू हो जाता है। 

देवघर का श्रावणी मेला
देवघर में लगने वाला श्रावणी मेला देश और दुनिया में मशहूर है। यहां साल दर साल आने वाले शिवा भक्तों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। कांवड़ यात्रियों के लिए देवघर आना सपने के सच होने के समान होता है। कावड़ यात्री बिहार के सुल्तानगंज में गंगा नदी से जल लेकर देवघर पहुंचते हैं और बाबा बैद्यनाथ जी का जलाभिषेक करने का सौभाग्य पाते हैं। देवघर में लगने वाला श्रावणी मेला सबसे बड़े मेलों की फेहरिस्त में शामिल है।

काशी विश्वानथ का मेला
उत्तर प्रदेश के बनारस में भी सावन महीने में बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। यहां बहुत बड़ी संख्या में शिव भक्त और कांवड़िये बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने और आशीर्वाद पाने के लिए दूर-दराज के इलाकों से आते हैं। 

लखीमपुर में सावन मेला 
लखीमपुर-खीरी में स्थित गोला के गोकर्णनाथ को छोटी काशी के नाम से जाना जाता है। सावन के महीने में यहां की छटा निराली होती है। श्रावण मास में यहां कांवड़ियों और शिव साधकों की भीड़ पहुंचती है। 

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