GO नहीं कैंसिल : इंडिगो की एक दिन में 1000 से ज्यादा उड़ानें रद्द, आज भी नहीं हो पाएगी सामान्य, इंडिगो ने मांगी माफी
15 दिसंबर तक के टिकट रद्द कराने पर देगी पूरा रिफंड
इंडिगो ने 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द कीं, जबकि चार दिनों में कुल 1,700+ उड़ानें प्रभावित हुईं। कंपनी ने यात्रियों से माफी मांगते हुए 15 दिसंबर तक टिकट रद्द करने पर पूरा रिफंड और बिना शुल्क तारीख बदलने की सुविधा दी। केंद्र सरकार ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए। वहीं डीजीसीए ने पायलटों के आराम से जुड़े नए नियम आंशिक रूप से वापस ले लिए।
नई दिल्ली। निजी विमान सेवा कंपनी इंडिगो की शुक्रवार को एक हजार से ज्यादा उड़ानें रद्द की गई। भी सामान्य नहीं हो पाई। पिछले चार दिनों में देशभर में एयरलाइन्स की 1700 से अधिक उड़ाने कैंसिल हुई हैं। इस बीच कंपनी ने प्रभावित लोगों और हवाई अड्डे पर फंसे यात्रियों से माफी मांगते हुए 15 दिसंबर तक के टिकट रद्द कराने पर पूरा पैसा वापस करने का आश्वासन दिया है। इस बीच यात्री परेशान होते रहे। यात्रियों ने आरोप लगाया है कि इन हालात में अन्य एयरलाइन्स कंपनियों ने अपना किराया बढ़ा दिया है। एयरलाइंस ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में यात्रियों से माफी मांगते हुए कहा कि 5 दिसंबर से 15 दिसंबर तक की यात्रा के टिकट रद्द कराने पर पूरा रिफंड दिया जाएगा और कोई कटौती नहीं की जाएगी। यात्रियों को भुगतान उसी खाते में किया जाएगा जिससे भुगतान किया गया था। इसके साथ ही यात्रा की तारीख और समय में बदलाव के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हवाई अड्डों पर फंसे यात्रियों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की है। वरिष् नागरिकों के लिए वेटिंग लॉन्ज की व्यवस्था की गई है। इंडिगो ने कहा है कि वह जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य बनाने का प्रयास कर रही है। उसने इसमें यात्रियों का सहयोग मांगा है।
सरकार गंभीर, मामले की होगी उच्चस्तरीय जांच :
इंडिगो मामले की केंद्र सरकार ने उच्चस्तरीय जांच कराने का फैसला किया है जिसमें इसके कारणों को जानने और भविष्य में इस तरह की स्थिति को रोकने के उपाय सुझाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय की शुक्रवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) से जुड़े आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है। यह फैसला पूरी तरह से यात्रियों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, मरीजों तथा ऐसे अन्य लोगों को ध्यान में रखकर लिया गया है जो अनिवार्य जरूरतों के कारण हवाई यात्रा कर रहे हैं। मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का फैसला किया है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि इंडिगो की उड़ानों में देरी और उड़ानें रद्द होने की क्या वजह रही। साथ ही, जहां भी समुचित कार्रवाई की जरूरत होगी, वहां जिम्मेदारी तय की जायेगी और भविष्य में इस तरह की स्थिति न पैदा हो इसके लिए उपाय सुझाए जाएंंगे। मंत्रालय ने स्थिति की वास्तविक समय में निगरानी के लिए एक 24 गुना 7 नियंत्रण कक्ष भी बनाया है।
डीजीसीए ने पायलट के आराम संबंधी नियमों में बदलाव वापस लिया :
इस बीच डीजीसीए ने चालक दल के सदस्यों के आराम संबंधी नियमों में बदलाव आंशिक रूप से वापस ले लिया है। डीजीसीए ने शुक्रवार को सभी विमान सेवा कंपनियों को जारी एक निर्देश में कहा है वह उस आदेश को वापस ले रहा है जिसमें कहा गया था कि चालक दल के सदस्यों के अनिवार्य आराम के घंटों को साप्ताहिक अवकाश से अलग रखना जरूरी होगा। इसमें कहा गया है कि परिचालन में मौजूदा व्यवधानों और विभिन्न एयरलाइंस द्वारा इस संबंध में सौंपे अनुरोधों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। इंडिगो ने इस व्यवधान के लिए मुख्य रूप से डीजीसीए के नये नियमों को जिम्मेदार ठहराया है जिसमें चालक दल के लिए हर सप्ताह कम से कम 48 घंटे अनिवार्य आराम का प्रावधान किया गया है।

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