भाजपा सरकार ने गरीबों से छीना सरसों का तेल : सरकार की प्राथमिकता में गरीब और आमजन कहीं नहीं, सैलजा ने कहा- रियायती तेल की कीमत 40 से बढ़ाकर की 100 रुपए
जब महंगाई आसमान छू रही है, तब सरकार को राहत देनी चाहिए थी
सरकार जो तेल पहले दे रही थी, उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल उठाये गये थे, इस पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार ने सरसों तेल के दाम ही बढ़ा दिये।
चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने बुधवार को कहा कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि उसकी प्राथमिकता में गरीब और आमजन कहीं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लगभग 48 लाख परिवारों को मिलने वाले रियायती सरसों तेल की कीमत 40 से बढ़ाकर 100 रुपये कर दी है।
सैलजा ने यहां जारी एक बयान में कहा कि हरियाणा सरकार की इस नीति की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार का यह फैसला गरीबों से उनकी रोटी छीनने के समान है। जब महंगाई आसमान छू रही है, तब सरकार को राहत देनी चाहिए थी, लेकिन इसके उलट गरीब परिवारों से रियायती दर पर मिलने वाला तेल भी छीन लिया गया।
सरकार जो तेल पहले दे रही थी, उसकी गुणवत्ता पर भी सवाल उठाये गये थे, इस पर कार्रवाई करने के बजाय सरकार ने सरसों तेल के दाम ही बढ़ा दिये। सरकार राशन डीलरों की मनमानी पर आज तक अंकुश नहीं लगा पायी है। मनमाने ढंग से राशन का वितरण किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर जनता से विश्वासघात कर रही है। अभी बिजली दरों में बढ़ोतरी कर जनता की कमर तोड़कर रख दी है, बिजली आपूर्ति की स्थिति में सुधार तो कर नहीं पायी, लोग अघोषित बिजली कटौती से परेशान है, बिलों को बढ़ा-चढ़ाकर भेजा जाता है, जिसके घर में केवल बल्ब ही जलते है उनके बिल हजारों रुपये में भेज दिए जाते हैं, जिन्हें ठीक कराने के लिए लोगों को काम धंधा छोड़कर कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते है।

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