पोंगल पर्व : तमिलनाडु में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया पर्व

पोंगल पर्व : तमिलनाडु में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया पर्व

चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व प्रत्येक वर्ष तमिल महीने थाई के पहले दिन पड़ता है और इस दिन लोग भगवान सूर्यदेव की पूजा-आराधना के पूरे हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाते हैं।

चेन्नई। पारंपरिक फसल पर्व पोंगल सोमवार को तमिलनाडु में उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हो गया। चार दिनों तक चलने वाला यह पर्व प्रत्येक वर्ष तमिल महीने थाई के पहले दिन पड़ता है और इस दिन लोग भगवान सूर्यदेव की पूजा-आराधना के पूरे हर्षोल्लास के साथ यह त्योहार मनाते हैं।

इस मौके पर लोगों ने नए वस्त्र धारण किए तथा चावल, दाल, गुड़ और दूध से बना पारंपरिक व्यंजन मीठा पोंगल तैयार किया। किसानों ने एक अच्छे मौसम की कामना लिए यह व्यंजन धन्यवाद के प्रतीक के रूप में सूर्य देव को अर्पित किया।

ग्रामीण इलाकों में पोंगल पर्व की काफी धूम रही। लोगों ने अपने आंगनों को रंग-बिरंगी रंगोलियों से सजाया। राज्य के दक्षिणी जिलों में  यह पर्व जश्न के रूप में पारंपरिक जल्लीकट्टू (बैल को वश में करना)  के रूप में जुड़ा हुआ है। इस अवसर पर सभी मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई , हालांकि कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार ने आज से 17 जनवरी तक के लिए सभी मंदिर और पूजा स्थलों पर लोगों के सार्वजनिक प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, अन्नाद्रमुक नेता ओ पन्नीरसेल्वम और ईके पलानीस्वामी तथा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रदेश की जनता को पोंगल पर्व की शुभकामनाएं दी है।

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चेन्नई महानगर से पांच लाख से अधिक लोग पोंगल पर्व मनाने के लिए अपने मूल स्थान जा चुके हैं। राज्य सरकार ने इस मौके पर विभिन्न स्थानों से विशेष बसें संचालित की वहीं दक्षिण रेलवे ने भी कई स्पेशल ट्रेनें चलाई। कोरोना महामारी से उबरने के बाद बड़ी संख्या में लोग मरीना बीच की ओर उमड़ पड़े जहां जलसागर के साथ ही मानवता का समंदर हिलोरें मारता नजर आया। 

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