सुप्रीम कोर्ट ने धन शोधन जांच पर लगाई रोक, कहा- संविधान का उल्लंघन कर के सीमाएं लांघ रहा है ईडी
आपका कार्यालय किसी निगम पर छापेमारी कैसे कर सकता है?
तमिलनाडु सरकार ने ईडी की ओर से सरकारी शराब खुदरा विक्रेता तमिलनाडु राज्य विपणन निगम के परिसरों में जांच के दौरान की गई छापेमारी की वैधता को चुनौती दी थी।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी करने से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के एक मामले में तमिलनाडु राज्य विपणन निगम के खिलाफ धन शोधन जांच पर रोक लगाते हुए कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संविधान का उल्लंघन करके सारी सीमाएं लांघ रहा है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर कथित 1,000 करोड़ रुपए के घोटाले में ईडी जांच की अनुमति देने वाले मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।
पीठ ने केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपका ईडी सारी हदें पार कर रहा है। आपका कार्यालय किसी निगम पर छापेमारी कैसे कर सकता है? आप देश के संघीय ढांचे का पूरी तरह उल्लंघन कर रहे हैं। शीर्ष न्यायालय ने ईडी को नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह इस मामले की अगली सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद करेगा।
तमिलनाडु सरकार ने ईडी की ओर से सरकारी शराब खुदरा विक्रेता तमिलनाडु राज्य विपणन निगम के परिसरों में जांच के दौरान की गई छापेमारी की वैधता को चुनौती दी थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने 23 अप्रैल, 2025 को राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी और ईडी की कार्रवाई को हरी झंडी दे दी थी। उच्च न्यायालय ने ईडी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई जारी रखने की अनुमति दी। उच्च न्यायालय ने निगम द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था कि चेन्नई में तलाशी के दौरान ईडी ने उसके कर्मचारियों और अधिकारियों को परेशान किया था।

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