तेजी से बाल झड़ने की गंभीर बीमारी है एलोपीसिया एरेटा

दाद के आकार बन जाता है गंजेपन का घेरा, लक्षण दिखने पर तुरंत करें संपर्क

तेजी से बाल झड़ने की गंभीर बीमारी है एलोपीसिया एरेटा

आपके बाल बहुत तेजी से झड़ रहे हों तो इसे इग्नोर न करें क्योंकि यह किसी गंभीर रोग की वजह से भी हो सकता है। सिर के किसी भी हिस्से में दाद के आकार में बाल उड़कर घेरा बन जाए तो डॉक्टर से तुरंत बात करें क्योंकि इसके पीछे एलोपीसिया एरेटा बीमारी हो सकती है।

जयपुर। आपके बाल बहुत तेजी से झड़ रहे हों तो इसे इग्नोर न करें क्योंकि यह किसी गंभीर रोग की वजह से भी हो सकता है। सिर के किसी भी हिस्से में दाद के आकार में बाल उड़कर घेरा बन जाए तो डॉक्टर से तुरंत बात करें क्योंकि इसके पीछे एलोपीसिया एरेटा बीमारी हो सकती है। यह बीमारी सिर्फ सौंदर्य को ही खराब नहीं करती बल्कि मरीज के आत्मविश्वास को भी बहुत प्रभावित करती है।

क्या है एलोपेशिया एरेटा?

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जयपुर के सीनियर डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अतुल जैन ने बताया कि एलोपेशिया एरेटा असल मे एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर होता है। इसमें मरीज के सिर के बाल ही नहीं, बल्कि शरीर में किसी भी जगह के बाल झड़ सकते हैं। ये बाल गुच्छों के रूप में भी बाहर निकल सकते हैं। ऐसे में बालों के झड़ने वाली जगह पर एक पैच सा बन जाता है। कई लोगों में बाल दोबारा उगते हैं तो फिर झड़ जाते हैं जबकि कुछ लोगों में बाल स्थाई रूप से आ भी सकते हैं।

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जेनेटिक कारणो से हो सकती है बीमारी - इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम और सफेद रक्त कोशिकाएं जिनका काम बीमारियों से लड़ना है वे हेयर फॉलिक्स पर ही हमला करने लगते हैं जिसकी वजह से बाल तेजी से गिरने लगते हैं। कई मरीजों में सिर के कुछ-कुछ हिस्सों से धब्बों की तरह बाल गायब होने लगते हैं। उन्होंने बताया कि यह बीमारी किस वजह से होती है, इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है लेकिन जेनेटिक भी होता है। इसके अलावा बहुत अधिक स्ट्रेस लेने की वजह से भी यह बीमारी हो सकती है।

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एलोपेशिया के लक्षण - हालांकि इस बीमारी के लक्षण हर मरीज में अलग अलग हो सकते हैं। लेकिन आमतौर पर बालो का बिना किसी तकलीफ गुच्छों में झड़ना सामने आता है। इसकी वजह से उस जगह पर पैचेस यानी खाली जगह जैसे धब्बे बन जाते हैं। कम समय में ही तेजी से बाल झड़ते हैं। ठंडे मौसम में बालों के झड़ने की क्रिया और बढ़ जाती है। साथ ही हाथ और पैरों की उंगलियों के नाखून भुरभुरे, लाल और धंसे हुए हो जाते हैं। बालों की जगह बने हुए ये स्किन पैचेज सफेद और मुलायम होते हैं लेकिन कई बार इनमे गुदगुदाहट, खुजली या जलन हो सकती है।

मन की सेहत पर असर - इस बीमारी का असर मन पर ज्यादा हो सकता है क्योंकि यह बाहरी सौंदर्य से जुड़ी होती है। खासकर महिलाओं के मामले में यह स्थिति और भी खराब हो सकती है क्योंकि उनपर सामाजिक रूप से भी कई बार दबाव होता है कि वे अच्छी दिखें। ऐसे में बालों का इस तरह झड़ना उनके लिए अवसाद, तनाव, चिड़चिड़ाहट, एंग्जायटी आदि पैदा कर सकता है। 

बीमारी की स्थिति पर निर्भर करता इलाज - एलोपेशिया एरेटा के लक्षण दिखने पर तुरंत डर्मेटोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। डॉ. अतुल जैन ने बताया कि डॉक्टर आपके लक्षणों को देखकर, बालों और नाखूनों की जांच करके बीमारी के स्तर का पता लगाते हैं। इसके अलावा खून की जांच व अन्य टेस्ट के लिए भी सलाह दी जा सकती है। इसका इलाज बीमारी की स्थिति पर निर्भर करता है। यह बीमारी समय पर पहचान होने पर बेहतर इलाज हो सकता है और बाल फिर से उग भी सकते हैं।

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