ICMR
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Read More... Covaxin पर अध्ययन का ICMR ने किया खंडन
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आईसीएमआर इस अध्ययन से जुड़ा नहीं है और उसने शोध के लिए कोई वित्तीय या तकनीकी सहायता प्रदान नहीं की है। एच3एन2 वायरस से हो रही खांसी और तेज बुखारः आईसीएमआर
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डॉक्टरों का कहना है कि बीते ढ़ाई महीने में एच3एन2 वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। इस वायरस का प्रकोप अभी भी बना हुआ है। एआईआईएमएस के बाद अब हैकर्स के निशाने पर आईसीएमआर की वेबसाइट
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एक सरकारी अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि हांगकांग के हैकरों ने 30 नवंबर को 24 घंटे के अंतराल में करीब 6000 बार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की वेबसाइट पर हमला करने की कोशिश की। कोरोना संक्रमण के खिलाफ बड़ों के मुकाबले बच्चों में इम्युनिटी ज्यादा बेहतर, खोले जा सकते हैं स्कूल: ICMR
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कोरोना के चलते बंद पड़े स्कूलों पर आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने मंगलवार को अच्छी खबर दी है। उन्होंने कहा कि बच्चे कोरोना के खिलाफ काफी मजबूत हैं और वे वयस्कों के मुकाबले इससे ज्यादा अच्छे ढंग से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों का भी एंटीबॉडी एक्सपोजर उतना और वैसा ही है, जैसा वयस्कों में है। ICMR की चेतावनी: अगस्त के आखिर में दस्तक दे सकती है कोरोना की तीसरी लहर, लापरवाही पड़ेगी भारी
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कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आंशका व्यक्त की जा रही है। विशेषज्ञों ने कहा कि यह अक्टूबर के आस-पास आएगी, लेकिन आईसीएमआर के एक डॉक्टर ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर अगस्त के आखिर में आ सकती है। कोविड जांच का 'सलाइन गार्गल आरटी-पीसीआर तरीका, अब गरारा कर पता लगा सकेंगे कोरोना है या नहीं
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वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत नागपुर स्थित राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) के वैज्ञानिकों ने इस कड़ी में एक और कीर्तिमान बनाया है। उन्होंने कोविड के नमूनों के परीक्षण के लिए 'नमक के पानी से गरारे (सलाइन गार्गल) आरटी-पीसीआर विधि' ढूंढ ली है। इस तरीके से 3 घंटे में कोरोना संक्रमण की जांच का पता लगाया जा सकेगा। डीआरडीओ ने बनाई एंटीबॉडी डिटेक्शन किट, कोरोना वायरस को मात देने में बनेगा सहायक
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कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के लिए ‘2-डीजी’ दवा के बनाने के बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कोरोना वायरस एंटीबॉडी डिटेक्शन किट तैयार की है। किट का नाम डिपकोवन रखा गया है। इसके जरिए एंटीबॉडी माइक्रोवेल एलिसा वायरस के साथ-साथ न्यूक्लियोकैप्सिड (एसएंडएन) प्रोटीन का भी 97 फीसद की उच्च संवेदनशीलता और 99 फीसद की विशिष्टता के साथ पता लगाया जा सकता है। 