बड़ी बहन एथलेटिक्स छोड़ वालीबॉल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंची, अब छोटे भाई-बहन भी राष्ट्रीय प्रतियोगिता में बिखेर रहे हैं जलवा
जूही बंगाल की महिला टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं
कोच सुरेश मंडल की प्रेरणा से ज्योति शॉ ने एथलेटिक्स छोड़ वालीबॉल का रुख किया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई।
जयपुर। कोच सुरेश मंडल की प्रेरणा से ज्योति शॉ ने एथलेटिक्स छोड़ वालीबॉल का रुख किया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गई। यही नहीं ज्योति के नक्शे कदम अब छोटे भाई-बहन जूही शॉ और जीतू शॉ यहां सवाई मानसिंह स्टेडियम में चल रही सीनियर राष्ट्रीय वालीबॉल में अपना जलवा बिखेर रहे हैं। जूही बंगाल की महिला टीम का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, वहीं जीतू बंगाल की पुरुष टीम के कप्तान हैं।
एसएमएस इंडोर स्टेडियम में बंगाल की हरियाणा पर जीत के बाद नवज्योति से बातचीत में जूही ने कहा कि यहां शानदार प्रदर्शन के बाद उनकी नजर उत्तराखण्ड राष्ट्रीय खेलों में बंगाल के चैंपियन बनाने पर है। बंगाल के लिए सेटर की भूमिका में हिस्सा ले रही जूही अब तक भारत के लिए दो अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा ले चुकी हैं। उन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत फिलीपीन्स से की, जहां भारतीय टीम 5वें स्थान पर रही। लेकिन इसके बाद नेपाल में हुई सेंट्रल एशियन वालीबाल एसोसिएशन चैंपियनशिप में जब भारतीय टीम चैंपियन बनी तो जूही को बेस्ट सेटर के अवार्ड से नवाजा गया। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जूही केरल और रेलवे की टीम को टफ मानती हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी नजर में चीन, कजाकिस्तान मजबूत टीमें हैं।
जूही ने कहा कि परिवार में कभी किसी ने वालीबॉल नहीं खेली लेकिन कोच सुरेश मंडल की प्रेरणा से पहले बड़ी बहन ने वालीबॉल को अपनाया और उन्हें देखकर हम दोनों भाई-बहन भी इसी खेल से जुड़ गए। उन्होंने कहा कि हम तीनों बहन-भाई आज कोच सुरेश मंडल की वजह से ही इस खेल में हैं।
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