अरविंद केजरीवाल की केंद्र से 7 मांगे, नाम दिया मिडिल क्लास मैनिफेस्टो
पांच फरवरी को चुनाव होने हैं
विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है।
नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। पांच फरवरी को चुनाव होने हैं। आम आदमी पार्टी जोर शोर से तैयारियों में जुटी हैं। इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष सात मांग रखी है। केजरीवाल ने कहा कि चुनाव के दौरान धर्म और जाति के नाम पर कई वादे किए जाते हैं, लेकिन देश का मिडिल क्लास किसी भी पार्टी के एजेंडे में नहीं है। मिडिल वर्ग टैक्स टेररिज्म का विक्टिम है। ऐसे में हम मांग करते हैं कि देश का अगला बजट मिडिल क्लास को समर्पित हो। इसके लिए हमारी सात सूत्रीय मांगें हैं।
मरने के बाद भी टैक्स देना पड़ता है :
केजरीवाल ने कहा कि देश का मिडिल क्लास वर्ग टैक्स भरता है। मध्यम वर्ग से सरकार सिर्फ टैक्स लेती है, लेकिन इस वर्ग को सरकार से क्या मिलता है। मिडिल क्लास की 50 फीसदी आमदनी सिर्फ टैक्स भरने में चली जाती है, जीते-जी को टैक्स देना ही पड़ता है, मरने के बाद भी उन्हें टैक्स देना पड़ता है। हर चीज पर मिडिल क्लास को टैक्स भरना पड़ता है। इस वजह से भारतीय अब बड़ी संख्या में देश छोड़कर जा रहे हैं।
2020 में 85 हजार भारतीयों ने देश छोड़ा है। केजरीवाल ने कहा कि भारत का मिडिल क्लास सरकार के टैक्स टेररिज्म का शिकार बन गया है, लेकिन हमारी पार्टी जनता का पैसा जनता पर ही खर्च करती है। हमने मिडिल क्लास को महंगाई की मार से बचाने के लिए बिजली और पानी सस्ता किया है। हमने टैक्स का पैसा दिल्ली में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया है।
हर महीने सम्मान राशि देने का प्रावधान :
बता दें कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल महिलाओं और बुजुर्गों सहित कई वर्गों के लिए सहयोग राशि का ऐलान कर चुके हैं। पार्टी ने इससे पहले पुजारी और ग्रंथी सम्मान योजना का ऐलान किया था। इस योजना के तहत मंदिरों में भगवान की पूजा करने वाले, लोगों को पूजा करवाने वाले पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने सम्मान राशि देने का प्रावधान है। बता दें कि आम आदमी पार्टी इससे पहले भी कई योजनाओं का ऐलान कर चुकी है। बुजुर्गों के लिए पेंशन राशि बढ़ाई गई है तो महिलाओं के लिए भी सहयोग राशि की घोषणा की है।
ये हैं 7 मांगें :
केंद्रीय बजट में शिक्षा को लेकर धनराशि 2 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी की जाए। निजी स्कूलों में बढ़ती फीस को नियंत्रित किया जाए।
- उच्च शिक्षा के लिए सब्सिडी।
स्वास्थ्य बजट 10 फीसदी बढ़ाया जाए।
जरूरी सामानों से जीएसटी हटाया जाए।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेंशन योजना लाई जाए।
रेलवे में बुजुर्गों के लिए 50 फीसदी की रियायत दी जाए।
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