आयोग ने बिहार में काटे 38 लाख मतदाताओं के नाम : लाखों लोग वोट देने के अधिकार से वंचित, अलका लांबा ने कहा- केंद्र सरकार के इशारे पर हो रहा फर्जीवाड़ा
अब इसका खुलासा किया जाएगा
पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मोदी सरकार के इशारे पर बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर 38 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से काट दिए हैं। इससे 23 लाख महिलाएं और 15 लाख पुरुष वोट देने के अधिकार से वंचित हो गए हैं। महिला कांग्रेस अध्यक्ष अलका लांबा ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार के इशारे पर चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर भारी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार में करीब साढ़े तीन करोड़ महिला मतदाता हैं, लेकिन करीब 23 लाख महिलाओं के नाम मतदाता सूची से काट दिए गए। अब ये महिलाएं आगामी विधानसभा चुनावों में वोट नहीं दे पाएंगी। लांबा ने कहा कि राज्य के जिन 6 जिलों में लाखों महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं, उनमें गोपालगंज, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, भोजपुर और पूर्णिया विधानसभा शामिल हैं। इन छह जिलों में करीब 60 विधानसभा सीटें आती हैं। साल 2020 के विधानसभा चुनाव का आंकड़ा देखें, तो यहां इंडिया गठबंधन ने 25 सीटें जीती थीं। अब मतदाता सूची के पुनरीक्षण के नाम पर इन्हीं सीटों पर भारी फर्जीवाड़ा किया गया है। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि पार्टी पूरे देश में इसी वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस हस्ताक्षर अभियान चला रही है, जिसमें 5 करोड़ हस्ताक्षर जुटाये जाएंगे।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने पर सवाल करते हुए कहा कि जब इन्हीं महिलाओं ने बीते साल लोकसभा चुनाव में वोट डाले थे, तो क्या तब भी ये वोट फर्जी थे। क्या इन्हीं फर्जी वोट से सांसद बने, पूरी सरकार बनी। अंतिम समय में नाम जोडऩे और काटने की जो साजिश चल रही है और अब इसका खुलासा किया जाएगा।

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