घोटालेबाजों का महिमामंडन नहीं करें कांग्रेस : कानून को अपना काम करने दें, रविशंकर प्रसाद ने कहा- परिवार के एक सदस्य ने 3 करोड़ में कृषि जमीन खरीदी और 58 करोड़ में बेच दी

धरना देने का अधिकार उनका है, लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार उन्हें (कांग्रेस को) नहीं 

घोटालेबाजों का महिमामंडन नहीं करें कांग्रेस : कानून को अपना काम करने दें, रविशंकर प्रसाद ने कहा- परिवार के एक सदस्य ने 3 करोड़ में कृषि जमीन खरीदी और 58 करोड़ में बेच दी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस की देश में प्रवर्तन निदेशालय एवं केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दफ्तरों पर धरना प्रदर्शन की घोषणा पर प्रतिक्रिया जताई है।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस की देश में प्रवर्तन निदेशालय एवं केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दफ्तरों पर धरना प्रदर्शन की घोषणा पर प्रतिक्रिया जताई है और पूछा है कि कांग्रेस को कानून को अपना काम करने देना चाहिए और घोटालेबाजों का महिमामंडन नहीं करना चाहिए। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बहुत परेशान है और देश में धरना देने की बात कर रही है। धरना देने का अधिकार उनका है, लेकिन जमीन और फंड लूटने का अधिकार उन्हें (कांग्रेस को) नहीं है।

प्रसाद ने कहा कि नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र 1937 में शुरू किया गया था। इसमें 5 हजार शेयर होल्डर्स थे, ये नेहरू खानदान की जागीर कभी नहीं रही है। 2008 में नेशनल हेराल्ड का पब्लिकेशन बंद हो गया, क्योंकि वो चल नहीं रह था। उसके बाद कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को पब्लिश करने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को 90 करोड़ रुपये दिए थे। कांग्रेस ने राजनीतिक पार्टी होने के बावजूद पार्टी फंड को एक निजी  संस्था को दे दिया, जो प्रतिबंधित है। जब कंपनी ने ऋण वापस करने से मना कर  दिया, तो पूरी संपत्ति परिवार के नाम करने की कॉरपोरेट साजिश की गई। यंग  इंडियन नाम की एक नई कंपनी बनाई गई, जिसमें 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल गांधी  और सोनिया गांधी के पास थी।परिवार ने 90 करोड़ की संपत्ति सिर्फ  50 लाख में खरीद ली। 

रविशंकर ने कहा कि परिवार के एक अन्य सदस्य ने 3 करोड़ में कृषि योग्य जमीन खरीदी और उसका व्यवसायिक प्रमाणन करा के उसे 58 करोड़ में बेच दिया। यह है 'विकास का  गांधी मॉडल'। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार का पूरा आचरण भ्रष्टाचार का रहा है। शेयर की हेराफेरी करो और संपत्ति बनाओ जबकि ये सारी संपत्ति सरकार द्वारा दी हुई थी। प्रसाद ने कहा कि हम भाजपा की ओर से सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि क्या कानून को अपना काम नहीं करना चाहिए? हजारों करोड़ की संपत्ति पर आपने गैरकानूनी और गलत तरीके से कब्जा कर लिया है, तो क्या हमें इसपर चुप रहना चाहिए।

भाजपा नेता ने कहा कि एक बात जो याद रखनी चाहिए वो ये कि सोनिया और राहुल गांधी जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने जांच को खत्म करने की हरसंभव कोशिश की। अदालत ने उन्हें सिफऱ् इतनी राहत दी कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं थी। जांच चार साल से चल रही है और अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। कांग्रेस को इन मूर्खतापूर्ण विरोध प्रदर्शनों में शामिल होकर खुद को मूर्ख नहीं बनाना चाहिए। यह देश उनका नहीं है, और न ही सोनिया गांधी और न ही राहुल गांधी देश के कानून से ऊपर हैं।

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प्रसाद ने इस पूरे मामले की जानकारी साझा करते हुए कहा कि यह मामला कोई अचानक सामने नहीं आया है। इसकी शुरुआत 2012 को भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिल्ली की एक अदालत में दर्ज कराई गई शिकायत से हुई थी, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में था। आरोप यह था कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने एक नई गठित कंपनी यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से नेशनल हेराल्ड अखबार के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए धोखाधड़ी की गतिविधियों में लिप्त रहे, जिसमें उनकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी थी।

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रविशंकर ने कहा कि शिकायत के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एजेएल को 90.25 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण दिया। इसके बाद, यह ऋण 50 लाख की मामूली राशि के लिए यंग इंडियन को सौंप दिया गया। इस लेन-देन ने प्रभावी रूप से एजेएल की व्यापक अचल संपत्ति होल्डिंग्स - जिसकी कीमत लगभग 2000 करोड़ है - का नियंत्रण यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दिया, जो मुख्य रूप से सोनिया और राहुल गांधी के स्वामित्व वाली कंपनी है। इस कदम से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ, क्योंकि राजनीतिक दलों को वाणिज्यिक लेनदेन में शामिल होने से प्रतिबंधित किया गया है।

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