शंभू बॉर्डर पर किसान ने किया सुसाइड, दिल्ली कूच ना करने देने से था खफा
समाधान न निकालने से परेशान था
वह उस दिन दिल्ली कूच न करने देने से खफा हुआ था। करीब 4 दिन बाद उसकी पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में मौत हो गई थी।
चंडीगढ़। हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान गुरुवार को सुबह लंगर स्थल के पास ही तरनतारन जिले के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह ने सल्फास खाया। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि रेशम शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से आंदोलन के बावजूद सरकार की तरफ से इसका समाधान न निकालने से परेशान था। इससे पहले भी 14 दिसंबर को किसान रणजोध सिंह ने भी सल्फास खा लिया था। वह उस दिन दिल्ली कूच न करने देने से खफा हुआ था। करीब 4 दिन बाद उसकी पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में मौत हो गई थी।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने इस आंदोलन को समर्थन दे दिया है। मोगा में हुई महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और जोगिंदर उगराहां ने कहा कि उनकी 6 मेंबरी कमेटी की अगुआई में 101 किसानों का जत्था खनौरी बॉर्डर जाएगा। जहां वे सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल की सहमति लेंगे। उधर खनौरी बॉर्डर पर 45वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। उनकी हालत गंभीर है। यहीं गीजर फटने से एक किसान झुलस गया। उसे पटियाला के समाना स्थित सरकारी अस्पताल में लाया गया। उसके हाथ और पैर झुलसे हैं। किसान की पहचान गुरदयाल के रूप में हुई है।
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