साहब...कब मिलेगी हमें पक्की सड़क? सड़क नहीं होने से गांव का रूका विकास
कोठीखेड़ा गांव को नसीब नहीं हुई सड़क
प्रशासन ने नहीं सुनी ग्रामीणों की गुहार
केलवाड़ा। खंडेला ग्राम पंचायत के कोठीखेड़ा गांव में सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को अधिक परेशानी हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क के लिए हम अधिकारियों और नेताओं से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन किसी ने हमारी समस्या पर गंभीरता से विचार नहीं किया। जहां पर पहुंचने के लिए सड़क ही नहीं है। कच्ची पगडंडीनुमा रास्ता बना हुआ है। अधिकारी हों या राजनेता सभी से ग्रामीण रास्ते के लिए कई बार फरियाद लगा चुके हैं लेकिन किसी ने अभी तक सुनवाई नहीं हुई है। हाल ये है कि बारिश के दिनों में लोगों का घरों से निकलना दुर्लभ हो जाता है। अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो और भी दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
नहीं मिल पाता इमरजेंसी सुविधाओं का लाभ
आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी ग्रामीण सड़क के लिए तरस रहे है। यहां के ग्रामीण आजादी के 77 सालों बाद भी सड़क के इंतजार में हैं। वहीं सड़क नहीं होने की वजह से ही हमें इमरजेंसी वाहन 108 एंबुलेंस, जननी एक्सप्रेस या डायल 100 जैसी सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता है।
सड़क नहीं होने से गांव का रूका विकास
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क नहीं होने से गांव का विकास रुका हुआ है। बरसात में आवागमन लगभग ठप हो जाता है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं.।गांव के किसान अपनी फसलों को बाजार तक नहीं पहुंचा पाते हैं। साथ ही किसी बीमार व्यक्ति के इलाज या गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जाना भी मुश्किल होता है।
बारिश में कठिनाइयों से भरा होता है सफर
ग्रामीण दयाल गुर्जर, गोलू गुर्जर, पप्पू गुर्जर,कन्हैयालाल गुर्जर ने बताया कि ''गांव के 2 रास्ते हैं। मुख्य मार्ग में बड़े-बड़े गड्ढे हैं. गर्मियों और सर्दियों में तो लोग किसी तरह आवागमन कर लेते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में आवागमन कठिनाइयों से भरा होता है. गांव में केवल 5वीं तक स्कूल है, आगे की पढ़ाई के लिए बच्चे जब गांव से निकलते हैं तो स्कूल पहुंचने से पहले ही पूरी तरह से कीचड़ से लथपथ हो जाते हैं। बीमार व्यक्ति या गर्भवती महिला को चारपाई पर लिटाकर मुख्य मार्ग तक ले जाना पड़ता है। पूर्व में भी एक गर्भवती महिला दो बच्चों की बारिश के समय में मौत हो चुकी है। वहां से किसी वाहन के माध्यम से अस्पताल पहुंचते हैं.'' ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षित करवाते हुए अति शीघ्र सड़क निर्माण की मांग उठाई है ताकि ग्रामीणों की परेशानी दूर हो और गांव का विकास हो सके।
इनका कहना
हमने विधायक सांसद जनप्रतिनिधि अधिकारियों को कई बार अवगत करा दिया है। इसके बावजूद भी कोठीखेड़ा के लिए पक्की सड़क नहीं बनी है।
- कन्हैयालाल गुर्जर, स्थानीय निवासी, कोठीखेड़ा।
कोठीखेड़ा गांव में गुर्जर समाज के लोग 50 वर्ष से निवास कर रहे हैं। हमने शासन प्रशासन को पक्की सड़क को लेकर कई बार लिखित में अवगत करा दिया गया है कि बारिश के समय तीन मौतें भी हो चुकी हैं।
- छोटू गुर्जर, स्थानीय निवासी, कोठीखेड़ा।
कोठीखेड़ा जाने वाली सड़क में कुछ फॉरेस्ट भूमि आने के कारण काम रुका हुआ है। मैंने प्रस्ताव बनवाकर फॉरेस्ट विभाग को भिजवा रखा है। अभी कुछ सड़कों की परमिशन आ चुकी है और कुछ की आना बाकी है। फॉरेस्ट विभाग से परमिशन आते ही पक्की सड़क बनवा दी जाएगी।
- डॉ. ललित मीणा, विधायक, किशनगंज-शाहाबाद।
मामला जानकारी में है। हमने रोड़ का प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है। आदेश आते ही काम चालू कर दिया जाएगा।
- नरेश नागर, एईएन पीडब्ल्यूडी शाहाबाद।
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