एटीएम निकासी शुल्क बढ़ाना जनविरोधी : बैंकों के माध्यम से जनता को लूटने में लगी सरकार, खड़गे ने कहा- मोदी सरकार ने बैंकों को बना दिया कलेक्शन एजेंट
आज डॉलर की तुलना में रुपया 89 पर

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क बढ़ाने के सरकार के निर्णय को जन विरोधी करार देते हुए कहा कि सरकार बैंकों के माध्यम से देश की जनता को लूटने का काम कर रही है
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एटीएम से पैसे निकालने पर शुल्क बढ़ाने के सरकार के निर्णय को जन विरोधी करार देते हुए कहा कि सरकार बैंकों के माध्यम से देश की जनता को लूटने का काम कर रही है। खड़गे ने कहा कि बैंक एटीएम, केवाईसी तथा जमा संबंधी संदेश देने, ग्राहक का अपने खाते का विवरण हासिल करने आदि पर पैसे वसूल कर आम लोगों को लूटने में लगी है। पहले बैंक इसका डाटा देते थे, लेकिन अब सरकार यह कहते हुए डाटा देने से इनकार कर दिया कि रिजर्व बैंक डाटा नहीं रखता है।
उन्होंने एटीएम पर शुल्क बढ़ाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि दुर्भाग्य से मोदी सरकार ने हमारे बैंकों को कलेक्शन एजेंट बना दिया है। बैंकों पर नागरिकों को लूटने का आरोप लगाते हुए उन्होंने बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले शुल्कों का विवरण देते हुए कहा कि बैंकों को सालाना निष्क्रियता शुल्क 100-200 रुपए है। स्टेटमेंट जारी करने का शुल्क 50-100 है। एसएमएस अलर्ट के लिए प्रति तिमाही 20-25 का शुल्क लिया जाता है। ऋण प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 1-3 प्रतिशत शुल्क लेते हैं। यदि ऋण का भुगतान समय पर किया जाता है, तो ऋण पूर्व-समापन शुल्क लगाया जाता है। एनईएफटी, डिमांड ड्राफ्ट शुल्क अतिरिक्त बोझ हैं। केवाईसी अपडेट जैसे हस्ताक्षर परिवर्तन पर भी शुल्क लगता है। पहले केंद्र सरकार इन शुल्कों से एकत्रित राशि का डेटा संसद में उपलब्ध कराती थी, लेकिन अब यह प्रथा भी यह कहकर बंद कर दी गई है कि 'रिजर्व बैंक' ऐसा डेटा नहीं रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो डॉलर के मुकाबले उस समय 60 रुपये थे और वह कहते थे रुपया आईसीयू में चला गया है, लेकिन आज डॉलर की तुलना में रुपया 89 पर है। रुपया वेंटिलेटर पर लेकिन मोदी खामोश हैं।
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