सूचना का अधिकार कानून को कमजोर करने पर तुली मोदी सरकार : सरकारी बैंकों से ऋण लेकर विदेश भागने वालों के नाम हो सार्वजनिक, खड़गे ने कहा- आरटीआई कानून जरूरी
कांग्रेस ने उसके लिए लड़ाई लड़ी है
कांग्रेस की आरटीआई में भी निजता के अधिकार का ध्यान रखा गया था, लेेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लाभार्थी की सूची या घोटालेबाजों के नाम सार्वजनिक ना किए जाएँ।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर डेटा संरक्षण कानून के नाम पर सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों के नाम सार्वजनिक किये जाने चाहिए, जिन्होंने राशन कॉर्ड, मनरेगा तथा जन-कल्याण की योजनाओं में स्कैम किया है और सरकारी बैंकों से ऋण लेकर विदेश भागे हैं। खड़गे ने कहा कि एक तरफ़ गलत सूचना और भरमाने वाली सूचना देने में भारत पिछले वर्षों से शीर्ष स्थान पर आ रहा है, दूसरी तरफ़ मोदी सरकार पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा लागू किए गए सूचना के अधिकार आरटीआई को डेटा संरक्षण क़ानून लाकर कमजोर करने पर तुली हुई है।
चाहे सार्वजनिक क्षेत्र की जानकारी जैसे राशन कॉर्ड की सूची, मनरेगा के लाभार्थी मजदूर, जन-कल्याण की योजनाओं में शामिल लोगों के नाम, चुनाव में वोटर लिस्ट या फ़रि सरकारी बैंकों से लोन लेकर विदेश भागने वाले घोटालेबाज अरबपतियों के नाम—इन सबके नाम जनता के लिए सार्वजनिक रूप में सामने होना जरूरी है। अब मोदी सरकार डेटा संरक्षण के नाम पर आररटीआई को कमजोर कर रही है, जिससे ऐसे नाम अब सार्वजनिक नहीं हो पाएंगे। निजता का अधिकार एक मूलभूत अधिकार है और कांग्रेस ने उसके लिए लड़ाई लड़ी है, लेकिन जहाँ सार्वजनिक कल्याण की बात आती है, सूचना का अधिकार जरूरी है।
कांग्रेस की आरटीआई में भी निजता के अधिकार का ध्यान रखा गया था, लेेकिन इसका मतलब ये नहीं कि लाभार्थी की सूची या घोटालेबाजों के नाम सार्वजनिक ना किए जाएँ। कांग्रेस पार्टी आरटीआई को कमजोर नहीं होने देगी, हमने पहले भी इसके लिए आवाज उठाई है, और सड़क से संसद तक आवाज उठाते रहेंगे। इस सरकार से जन-जन के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए लड़ते रहेंगे।
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