कृषि और किसान पर चर्चा नहीं चाहता विपक्ष : संसद की कार्यवाही में बार-बार स्थगन चिंताजनक, शिवराज चौहान ने कहा- किसान विरोधी है विपक्ष
चर्चा लोकतंत्र के प्राण हैं
लोकसभा में कल कृषि पर चर्चा थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण यह संभव नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि आज कृषि पर चर्चा के दौरान या पहले विपक्ष हंगामा करता है, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि विपक्ष किसान विरोधी है।
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद के बार-बार बाधित होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष खेती और किसानी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहता है। चौहान ने संसद परिसर में कहा कि संसद की कार्यवाही में बार-बार स्थगन चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि वास्तव में विपक्ष कृषि और किसान कल्याण को लेकर चर्चा नहीं चाहता है।
लोकसभा में कल कृषि पर चर्चा थी, लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण यह संभव नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि आज कृषि पर चर्चा के दौरान या पहले विपक्ष हंगामा करता है, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि विपक्ष किसान विरोधी है। वह किसानों का कल्याण नहीं चाहता है। कृषि एवं किसान कल्याण मतलब खेती-बाड़ी और किसान पर संसद में लोकसभा में चर्चा होनी थी। चर्चा लोकतंत्र के प्राण हैं। चर्चा और संवाद जनकल्याण के कामों को आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि कृषि पर और किसानों पर विपक्ष भी सार्थक चर्चा करें। अपनी बात रखे, अच्छे सुझाव दे, सकारात्मक सुझावों का सदैव स्वागत है। मैं तो सालभर से चर्चा की प्रतीक्षा कर रहा था, ताकि विपक्ष भी हमें अपनी बात कह सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दुख की बात है कि कल विपक्ष ने हंगामा करके कृषि और किसानों पर चर्चा को बाधित करने का पाप और अपराध किया है। उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष से आग्रह करता हूं कि कम से कम आज वह चर्चा होने दें, चर्चा का मार्ग खोलें, सार्थक बहस करें ताकि सही अर्थों में हम सब किसान कल्याण के कामों को आगे बढ़ा सकें। अगर वह बाधा पैदा करते हैं तो यही सिद्ध होगा कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के अलग- अलग हैं। वे किसानों पर और कृषि कल्याण पर चर्चा चाहते ही नहीं हैं। चौहान ने कहा कि किसानों का कल्याण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उनके कल्याण की कई योजनाएं सरकार चला रही है।
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