स्पेस स्टेशन पर लीक हो रहा रूसी मॉड्यूल, सुनीता विलियम्स के लिए बन सकता है खतरा
इस लीक की गंभीरता को लेकर विवाद कर रहे हैं
लीकेज की जगह को सील करने की भी कोशिश की गई। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। अभी रूस और अमेरिका इस लीक की गंभीरता को लेकर विवाद कर रहे हैं।
नई दिल्ली। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) लीक हो रहा है। दिक्कत ये है कि इसे ठीक करने के बजाय अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस आपस में मनमुटाव करके बैठे हैं। ये लीकेज स्पेस स्टेशन के रूसी मॉड्यूल पीआरके में हो रही है। जो सर्विस मॉड्यूल को स्पेस स्टेशन से जोड़ता है। नासा और रूसी स्पेस एजेंसी इस लीक के बारे में 2019 से जान रहे हैं, लेकिन इस लीक के पीछे की वजह अब तक नहीं खोजी जा सकी है। कई बार इस लीकेज की वजह से स्पेस स्टेशन को खतरा आया है। लीकेज की जगह को सील करने की भी कोशिश की गई। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। अभी रूस और अमेरिका इस लीक की गंभीरता को लेकर विवाद कर रहे हैं।
इस विवाद की वजह से स्पेस स्टेशन पर मौजूद एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स समेत अन्य अंतरिक्षयात्रियों को दिक्कत हो सकती है। हाल में नासा ने इस लीक को लेकर जो रिपोर्ट दी है उसके मुताबिक इस लीक की वजह से स्टेशन साल 2030 तक काम करने लायक नहीं बचेगा। आईएसएस एडवाइजरी कमेटी के प्रमुख बॉब कबाना ने कहा कि इस लीक की वजह से स्पेस स्टेशन पर बड़ी आपदा आ सकती है। हर दिन निकल रही है 1.1 किलो हवा, हो सकता है विस्फोट: नासा ने बताया कि स्पेस स्टेशन पर जो रूसी मॉड्यूल में लीकेज है, उससे हर दिन 0.9 से 1.1 किलोग्राम हवा निकल रही है। जिसकी वजह से स्पेस स्टेशन का संतुलन बिगड़ रहा है। इस साल अप्रैल में यह लीकेज 1.7 किलोग्राम प्रति दिन में बदल गया था।
अगर इसे ठीक नहीं किया गया तो हवा निकलने की गति बढ़ सकती है। नासा इस प्लान में भी है कि वह क्रू ड्रैगन कैप्सूल में एक्स्ट्रा पैलेट सीट लगाए और अपने एस्ट्रोनॉट्स को बचाकर धरती पर वापस ले आए। नासा एस्ट्रोनॉट माइकल बैरेट कहते हैं कि स्टेशन अब युवा नहीं रहा। जल्द ही स्टेशन के अलग-अलग स्थानों पर दरारें भी आ सकती हैं। वो फट सकता है। वैसे भी स्पेस स्टेशन को काम करने लायक रखने की कोशिश हो रही है। फिर वह धरती के वायुमंडल में जलते हुए नीचे गिर जाएगा।
लीकेज की वजह से आ सकती है स्टेशन पर बड़ी दिक्कत
सीएनएन की माने तो रूसी स्पेस एजेंसी के लोगों ने इस लीकेज के खतरे को हल्के में लिया है। जिसकी वजह से भविष्य में स्पेस स्टेशन की वर्किंग में बड़ी समस्या आ सकती है। स्पेस स्टेशन नवंबर 2000 से लगातार एस्ट्रोनॉट्स से भरा हुआ है। यह करीब 25 साल पुरानी अंतरिक्ष में तैरती हुई प्रयोगशाला है। अगर लीकेज की वजह से यहां पर विस्फोट होता है। तो यह कई हजार टुकड़ों में बंटकर खत्म हो जाएगा। टूटे हुए सैटेलाइट्स के टुकड़े, रॉकेट के हिस्सों से भी रिस्क रहता है। ऐसे में लीकेज की समस्या इस स्पेस स्टेशन का खतरा बढ़ा रहे हैं।
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