कारों में सिक्स एयरबैग का फैसला टला
अक्टूबर से लागू होना था
ऑटो उद्योग में वैश्विक आपूर्ति चेन में बाधाओं और आर्थिक की कमी के कारण नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कच्चे सामानों की आपूर्ति कराने में लगातार कमी आ रही है, ऐसे में सिक्स एयरबैग को अनिवार्य करने वाले प्रस्ताव को लागू के प्रस्ताव को अब एक अक्टूबर 2023 से प्रभावी माना जाएगा।
दिल्ली। मोदी सरकार ने 8 सीट तक वाली एम1 कैटेगरी की कारों में सिक्स एयरबैग जरूरी करने के फैसले को एक साल के लिए टाल दिया है। यह फैसला एक अक्टूबर से लागू होना था, लेकिन अब यह फैसला एक अक्टूबर, 2023 से लागू होगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्विट किया कि ऑटो इंडस्ट्री फिलहाल ग्लोबल सप्लाई चेन से जुड़ी दिक्कतों का सामना कर रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए इसे टाला गया है। नितिन गडकरी ने लिखा कि ऑटो उद्योग में वैश्विक आपूर्ति चेन में बाधाओं और आर्थिक की कमी के कारण नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कच्चे सामानों की आपूर्ति कराने में लगातार कमी आ रही है, ऐसे में सिक्स एयरबैग को अनिवार्य करने वाले प्रस्ताव को लागू के प्रस्ताव को अब एक अक्टूबर 2023 से प्रभावी माना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गडकरी ने कार में सिक्स एयरबैग्स देने की योजना पर पिछले साल से ही काम करना शुरू कर दिया था। इससे पहले मंत्रालय ने एक जुलाई 2019 से ड्राइवर एयरबैग और एक जनवरी 2022 से फ्रंट पैसेंजर एयरबैग को मैंडेटरी किया था। अभी किसी भी कार के बेस वैरिएंट में दो एयरबैग्स मिलते हैं, इसमें एक ड्राइवर और दूसरा फंट्र् पैसेंजर के लिए होता है।
कुछ कारों में ही सिक्स एयरबैग्स की सुविधा
कारों में एयरबैग को सबसे जरूरी सेफ्टी फीचर्स माना जाता है, लेकिन, वाहन निर्माता कंपनियां कुछ महंगी कारों में ही सिक्स एयरबैग्स देती हैं। ऐसी कारों की अनुमानित संख्या देश की सड़कों पर दौड़ने वाली कुल कारों में दस फीसदी से भी कम है।

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