इराक में काम कर गया ट्रंप का डर : ईरान समर्थित मिलिशिया हुआ हथियार डालने को तैयार, खामेनेई को झटका

अमेरिका हवाई हमले से इन समूहों को निशाना बना सकता है

इराक में काम कर गया ट्रंप का डर : ईरान समर्थित मिलिशिया हुआ हथियार डालने को तैयार, खामेनेई को झटका

वॉशिंगटन ने इराकी सरकार को धमकी दी है कि अगर उसने अपनी धरती पर काम कर रहे मिलिशिया पर कार्रवाई नहीं की तो अमेरिका हवाई हमले से इन समूहों को निशाना बना सकता है।

बगदाद। इराक में सक्रिय ईरान समर्थक कई मिलिशिया समूह हथियार छोड़ने को तैयार हो गए हैं। यह पहली बार है, जब ये गुट हथियार डालने को तैयार हुए हैं। अमेरिका के साथ बढ़ते संघर्ष को टालने के लिए इन गुटों ने हथियार छोड़ने का फैसला लिया है। एजेंसी ने 10 वरिष्ठ कमांडरों और इराकी अधिकारियों के हवाले से की गई अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है। डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से अमेरिका ने इराकी सरकार पर इन मिलिशिया पर शिकंजा कसने का दबाव बनाया है। वॉशिंगटन ने इराकी सरकार को धमकी दी है कि अगर उसने अपनी धरती पर काम कर रहे मिलिशिया पर कार्रवाई नहीं की तो अमेरिका हवाई हमले से इन समूहों को निशाना बना सकता है।

ईरान के लिए सीधे तौर पर झटका
इराक के सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी एक वरिष्ठ मुस्लिम नेता इज्जत अल-शहबंदर ने बताया है कि इराकी प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी और कई मिलिशिया नेताओं के बीच बातचीत चल रही है। ईरान समर्थक समूह अमेरिका की हथियार छोड़ने की मांग मानने के लिए तैयार हो गए है। ये गुट अपनी जिद छोड़ रहे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि अमेरिका उनको निशाना बना सकता है। ये ईरान के लिए सीधेतौर पर झटका है। ईरान समर्थक सरकार सीरिया में गिर चुकी है और लेबनान में हिजबुल्लाह भी कमजोर पड़ गया है। गाजा में हमास की ताकत भी कम हुई है।

अमेरिका के साथ युद्ध नहीं चाहते हैं
बगदाद और एक दक्षिणी प्रांत के छह मिलिशिया कमांडरों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है कि वे कताइब हिजबुल्लाह, नुजाबा, कताइब सैय्यद अल-शुहादा और अंसारुल्लाह अल-अवफिया समूहों से जुड़े हैं। कताइब हिजबुल्लाह के एक कमांडर ने कहा कि ट्रंप हमारे साथ युद्ध के लिए तैयार हैं। हम किसी बुरे परिदृश्य से बचना चाहते हैं। इराक में ईरान समर्थित 10 कट्टरपंथी शिया सशस्त्र गुटों (इस्लामिक रेजिस्टेंस) के पास करीब 50,000 लड़ाके, लंबी दूरी की मिसाइलें और विमान भेदी हथियार होने का दावा किया जाता है। रेजिस्टेंस समूह ईरान के क्षेत्रीय प्रॉक्सी बलों के नेटवर्क का मजबूत हिस्सा है। 

गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से इस समूह ने इजरायल, इराक और सीरिया में अमेरिकी बलों पर दर्जनों मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं। सुदानी के विदेश मामलों के सलाहकार फरहाद अलाएद्दीन ने हथियार छोड़ने की बातचीत के बारे में पूछे जाने पर बताया कि प्रधानमंत्री यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इराक में सभी हथियार रचनात्मक बातचीत के जरिए स्टेट नियंत्रण में हों। सुदानी इराक में इस्लामिक रेजिस्टेंस के सभी मिलिशिया से हथियार छोड़ने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

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