69 वर्ष के हुए अनिल कपूर : संघर्ष से लेकर सुपरहिट फिल्मों तक का सफर, जानें अभिनेता के करियर की बेहतरीन फिल्मों के बारे में
अभिनेता अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने चले जाते थे
बॉलीवुड अभिनेता-फिल्मकार अनिल कपूर 69 वर्ष के हो गए। 1979 में ‘हमारे तुम्हारे’ से कैरियर शुरू करने वाले अनिल ने ‘मिस्टर इंडिया’, ‘तेजाब’, ‘ईश्वर’ और ‘बेटा’ जैसी सुपरहिट फिल्मों से अपनी पहचान बनाई। अपने दमदार अभिनय, हास्य और भावुक किरदारों से दर्शकों का दिल जीतने वाले अनिल को फिल्म फेयर अवार्ड भी मिल चुका है।
मुंबई। बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता-फिल्मकार अनिल कपूर 69 वर्ष के हो गए। 24 दिसंबर 1956 को मुंबई के चेंबूर इलाके की छोटी सी बस्ती में जन्में अनिल कपूर के पिता सुरेन्द्र कपूर फिल्म निर्माता थे। घर में फिल्मी माहौल में रहने के कारण वह अक्सर अपने पिता के साथ शूटिंग देखने चले जाते और अभिनेता बनने का सपना देखा करते। अनिल कपूर के पिता ने फिल्मों के प्रति उनके बढ़ते रूझान को पहचान लिया और उन्हें इस रास्तें पर चलने के लिए प्रेरित किया। अनिल कपूर ने अपने सिने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1979 में प्रदर्शित फिल्म ‘हमारे तुम्हारे’ से की, लेकिन कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से नकार दी गई। वर्ष 1982 में उन्हें दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म ‘शक्ति’ में काम करने का मौका मिला, लेकिन इससे उन्हें कुछ खास फायदा नहीं पहुंचा।
वर्ष 1983 में अनिल कपूर को अपने पिता के बैनर तले बनी फिल्म ‘वो सात दिन’ में काम करने का अवसर मिला। इस फिल्म में उनके सामने कला फिल्मों के महारथी नसीरूदीन शाह थे, लेकिन अनिल अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे। फिल्म की सफलता के बाद वह कुछ हद तक अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। वर्ष 1985 मे अनिल कपूर को यश चोपड़ा की फिल्म ‘मशाल’ में काम करने का अवसर मिला। यूं तो पूरी फिल्म अभिनेता दिलीप कुमार के इर्द-गिर्द घूमती थी, लेकिन अनिल कपूर ने फिल्म में अपनी छोटी सी भूमिका से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिए उन्हें सहायक अभिनेता का फिल्म फेयर अवार्ड भी मिला।
वर्ष 1987 में प्रदर्शित फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ अनिल कपूर के सिने कैरियर की सबसे कामयाब फिल्म साबित हुई। शेखर कपूर के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे युवक की भूमिका निभाई, जिसे एक चमत्कारी यंत्र मिल जाता है, जिसके सहारे वह गायब हो सकता है। बाद में अपने देश को बर्बादी से बचाने के लिए वह खलनायक से मुकाबला करता है और उसे हराकर विजयी बनता है। वर्ष 1988 में अनिल कपूर के सिने कैरियर की एक और अहम फिल्म ‘तेजाब’ प्रदर्शित हुई। एन चंद्रा के बैनर तले बनी इस फिल्म में अनिल कपूर ने एक सीधे सादे नौजवान की भूमिका निभाई, जो देश और समाज के प्रति समर्पित है, लेकिन समाज के फैले भ्रष्टाचार की वजह से वह लोगों की नजर में तेजाब बन जाता है, जो सारे समाज को जलाकर खाक कर देना चाहता है। ‘तेजाब’ और ‘मिस्टर इंडिया’ जैसी फिल्मों की सफलता के बाद उनकी तुलना अमिताभ बच्चन से होने लगी। दुष्टों की मौत बनकर तूफान की तरह पर्दे पर आने वाले अनिल कपूर ने न सिर्फ प्रतिशोध की भावना लिए किरदार निभाए, वहीं भावुक और हास्य अभिनय कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
वर्ष 1989 में अनिल कपूर की फिल्म ‘ईश्वर’ प्रदर्शित हुई, जिसमें दर्शकों को उनके अभिनय का नया रंग देखने को मिला। पहले इस फिल्म का तेलुगू संस्करण बनाया गया था, जिसमें अभिनेता कमल हासन ने मुख्य भूमिका निभाई थी। अनिल कपूर ने इसे चुनौती के रूप में लिया और अपने भावात्मक अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह फिल्म फेयर के सवश्रेष्ठ अभिनेता के लिए नामांकित भी किए गए। वर्ष 1992 में प्रदर्शित फिल्म ‘बेटा’ में अनिल कपूर के सिने कैरियर की सुपरहिट फिल्मों में शुमार की जाती है। इस फिल्म में अनिल कपूर ने एक ऐसे युवक की भूमिका निभाई, जो अपनी सौतेली मां से बहुत प्यार करता है, जबकि उसकी मां उससे उसे बर्बाद करने के लिए उसकी जान लेने से भी नहीं हिचकती, बावजूद उसे अपनी मां पर पूरा भरोसा है। फिल्म में अनिल कपूर ने भावुक किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।

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