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Read More... सर्कुलर इकोनॉमी हमारी पुरानी परंपरा, मास प्रोडक्शन आज हमारी महती आवश्यकता : खट्टर
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By Jaipur
मास प्रोडक्शन आज हमारी महती आवश्यकता है, बदलती टेक्नोलॉजी से कई तरह का नया वेस्ट भी सामने आने लगा है, इसका रीसाइकलिंग करना हमारे लिए समय की आवश्यकता हो गई है। वेस्ट अफ्रीका के केशू से तैयार होता है कोटा में काजू
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By kota
धीरे-धीरे बढ़ते हुए वर्तमान में 4 से 5 करोड़ सालाना टर्नओवर पहुंच गया है। कम बारिश से फसलों का उत्पादन हुआ कम, नहीं निकल रही लागत
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By kota
किसानों का कहना हैं कि खेती करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। खाद बीज के बढ़ते कीमतों से किसान परेशान है। 15 साल से सरकारी मंडी खुलने का सपना संजोए हैं किसान
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By kota
मंडी के अभाव में किसानों को अपनी सब्जी बेचने के लिए 15 से 20 किमी दूर कोटा एरोड्रक फल-सब्जी मंडी जाने को मजबूर है। जो किसानों के लिए समय और धन की बर्बादी होती है। मानसून की मेहरबानी से बूंदी में फसलों की बंपर पैदावार
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By kota
इस बार औसत से कहीं ज्यादा हुई बरसात के चलते भूजल स्तर में पर्याप्त वृद्धि देखी गई जिससे आने वाले समय मे लंबे वक्त तक पानी की उपलब्धता रहेगी। इस बार पानी पर्याप्त मिलने से धान की पैदाबार में व्यापक वृÞद्धी देखने को मिली। 12.02 करोड़ टन पर पहुंचा कच्चे इस्पात का उत्पादन
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By Jaipur
मंत्रालय ने संयुक्त संयंत्र समिति के हवाले से पिछले पांच वित्त वर्षों के कच्चे इस्पात की कुल क्षमता, उत्पादन और क्षमता के उपयोग के आंकड़े जारी किए। मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में 15.40 करोड़ टन की क्षमता में से 78 प्रतिशत का उपयोग किया गया। मानसून में भी बिजली का उत्पादन होगा कम
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कोयला संकट की वजह से बिजली उत्पादन की कमी ने कटौती फिर बढ़ा दी है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सामान्य कटौती के अलावा दो से चार घंटे की अघोषित कटौती बढ़ गई है। आखिर क्यों गहरा रहा है बिजली का संकट
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केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के मुताबिक 2012-22 में देश में कुल कोयला उत्पादन 8.5 फीसदी बढ़कर 77.72 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि यदि वाकई कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है, तो फिर बिजली संयंत्र कोयले की भारी कमी से क्यों जूझ रहे हैं और यदि कोयले की कमी नहीं है तो बिजली उत्पादन में गिरावट क्यों आ रही है। कोयला संकट के बीच 5 उत्पादन इकाइयां ठप
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भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट फिलहाल टलने के आसार नजर नहीं आ रहे। कोयले की कमी और तकनीकी कारणों से प्रदेश में 1970 मेगावाट क्षमता की पांच बिजली उत्पादन इकाइयां बंद है, जबकि शेष इकाइयों में महज चार से पांच दिन का कोयला स्टॉक है। बिजली की भारी मांग के बीच अप्रैल 2022 में कोयले का कुल उत्पादन 6.62 करोड़ टन
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अप्रैल में कोल इंडिया ने बिजली घरों को 4.97 करोड़ टन कोयला भेजा। बजट सत्र में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन: कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाओं को सराहा, तो नई तकनीक अपनाने पर जताई खुशी, देश में मोबाइल फोन उत्पादन की सफलता को मेक इन इंडिया का बताया बड़ा उदाहरण
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कृषि के बढ़ते उत्पादन और निर्यात में वृद्धि के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में आत्म निर्भरता निरंतर बढ रही महंगाई और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े तय करेंगे शेयर बाजार की नई चाल
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By Administrator
वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच बीते सप्ताह उतार-चढ़ाव से गुजर चुके शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह औद्योगिक उत्पादन, खुदरा और थोक महंगाई के आंकड़ों से तय होगी। 