सर्कुलर इकोनॉमी हमारी पुरानी परंपरा, मास प्रोडक्शन आज हमारी महती आवश्यकता : खट्टर
ग्रामीण क्षेत्र के लिए जीवन दान साबित हुआ है
मास प्रोडक्शन आज हमारी महती आवश्यकता है, बदलती टेक्नोलॉजी से कई तरह का नया वेस्ट भी सामने आने लगा है, इसका रीसाइकलिंग करना हमारे लिए समय की आवश्यकता हो गई है।
जयपुर। आरआईसी में फार्म के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय शहरी विकास कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह भारत के लिए गौरव का विषय है कि फोरम का आयोजन जयपुर में किया जा रहा है, इससे पहले इंदौर में हुआ था। राजस्थान में बावड़िया, जोहड़ की पौराणिक परंपरा रही है, जो थ्री आर को इन्कित करती है। वेस्ट मटेरियल से किस तरह से कपड़ा बनाया जा सकता है। हालांकि यह पुरानी परम्परा रही है, खराब कपड़े से दरी बनाने का काम किया जाता था, सर्कुलर इकोनॉमी हमारी पुरानी परंपरा रही है।
मास प्रोडक्शन आज हमारी महती आवश्यकता है, बदलती टेक्नोलॉजी से कई तरह का नया वेस्ट भी सामने आने लगा है, इसका रीसाइकलिंग करना हमारे लिए समय की आवश्यकता हो गई है। जब प्रधानमंत्री ने शौचालय की घोषणा की थी, तो लोग उसकी मजाक उड़ाते थे कि यह पीएम के स्तर का काम है क्या ? लेकिन आज शौचालय का निर्माण एक शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए जीवन दान साबित हुआ है। फोरम के तीन दिवस आयोजन में एक जयपुर डिक्लेरेशन पारित होगा, जो देश दुनिया के लिए एक डॉक्यूमेंट बनेगा। फोरम में 120 स्पीकर अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस अवसर पर देश के लिए थ्री सी अर्थात सिटीज कॉलेजियम का सर्कुलेरिटी लागू करने की घोषणा की।
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