विद्यार्थियों के सामने परीक्षा से ज्यादा गर्मी बड़ी चुनौती ...
अभी चल रही बी ए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं
गर्मी में बेहाल छात्र: बिना पंखों के दे रहे परीक्षा
छीपाबड़ौद। राजस्थान में गर्मी अपने चरम पर है। तापमान लगातार 40 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है और ऐसे में जब छात्रों के लिए परीक्षा का समय अत्यंत संवेदनशील होता है। ऐसे में पछाड़ स्थित प्रेमसिंह सिंघवी राजकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं बेहद अमानवीय परिस्थितियों में परीक्षा देने को मजबूर हैं। इन दिनों कोटा यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित बी ए प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं चल रही हैं। लेकिन परीक्षा कक्षों की बदहाल व्यवस्था ने छात्रों की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है। अधिकांश कक्षाओं में पंखे बंद हैं या पूरी तरह खराब हो चुके हैं। ना तो शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और ना ही गर्मी से बचाव का कोई विकल्प। परीक्षा की घड़ी छात्रों के लिए एक मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक परीक्षा बन चुकी है।
स्थानीय लोग और अभिभावक में रोष, बेपरवाह कॉलेज प्रशासन
कॉलेज की हालत देखकर आमजन और अभिभावक भी चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि जब सरकारी महाविद्यालय में सुविधाओं की यह स्थिति है, तो छात्रों का भविष्य कैसे उज्जवल होगा? क्षेत्र के नागरिकों ने शिक्षा विभाग से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की है।
ये है छात्रों की प्रमुख मांगें
महाविद्यालयों के छात्रों की कई मांगे है। जिनमें सभी कक्षाओं में तत्काल पंखों की मरम्मत या नवीन पंखे लगाए जाएं, परीक्षा के दौरान पेयजल और वेंटीलेशन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, कॉलेज परिसर में नियमित सफाई और छात्राओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। शिक्षा विभाग द्वारा निरीक्षण कर मूलभूत समस्याओं का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए आदि है।
चेताने और ज्ञापन के बाद भी नहीं हुआ समाधान
कई बार महाविद्यालय में हो रही समस्याओं को लेकर छात्र नेता और विद्यार्थियों ने कॉलेज प्रशासन को ज्ञापन देकर और अन्य तरीकों से चेताया है लेकिन उसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। कॉलेज विद्यार्थियों ने बताया कि पूरे साल मूलभूत सुविधाएं नदारद हैं। पानी, शौचालय, सफाई—हर जगह अव्यवस्था का आलम बना हुआ है। जिससे विद्यार्थियों को शिक्षण करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विद्याथियों को एक अनुकूल वातावरण नहीं मिल पा रहा है। जिससे वह अपनी पूरी क्षमता के साथ अध्यापन कार्य कर सके। महाविद्यालय की यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है बल्कि यह भी सवाल खड़ा करती है कि आखिरकार शिक्षा विभाग कब जागेगा?
इनका कहना है
कॉलेज में सिर्फ परीक्षा की बात नहीं है। पूरे साल मूलभूत सुविधाएं नदारद हैं। पानी, शौचालय, सफाई—हर जगह अव्यवस्था है। यह स्थिति शर्मनाक है और उच्च शिक्षा विभाग को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए।
- पूजा वैष्णव, छात्रा
गर्मी इतनी ज्यादा है कि हमसे बैठा भी नहीं जाता। कई छात्राएं चक्कर खाकर गिर चुकी हैं। बिना पंखों के परीक्षा देना बहुत बड़ी चुनौती है।
- रवीना नागर, परीक्षा देने आई छात्रा
कॉलेज में कई समस्याएं लंबे समय से चल रही हैं। जिन पर कई बार प्रशासन को ज्ञापन दिया जा चुका है। पंखों की मरम्मत की मांग की गई थी, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब ये परीक्षा के समय छात्रों के स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो छात्र संगठन आंदोलन के लिए मजबूर होगा।
- दीपक गुर्जर, अध्यक्ष, कॉलेज छात्र इकाई
कुछ पंखे खराब हो गए हैं। जिसकी जानकारी हमारे पास पहले भी आई थी। मरम्मत के लिए स्थानीय कर्मचारी को सूचना दे दी गई है। बहुत जल्द सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली जाएंगी।
- अरविन्द प्रताप सिंह, प्राचार्य, प्रेमसिंह सिंघवी महाविद्यालय

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