नवरात्रि स्पेशल: विशाल पहाड़ फाड़कर प्रकट हुई थी बिजासन माता

माता की कृपा से नेत्रहीन को आंखों की रोशनी मिल जाती है, मां के दरबार का काजल अद्भुत चमत्कारी है जिसको आंखों में लगाते ही आंखें की सारी पीड़ा दूर हो जाती हैं

नवरात्रि स्पेशल: विशाल पहाड़ फाड़कर प्रकट हुई थी बिजासन माता

बिजासन माता मंदिर इंद्रगढ़ से करवर सडक मार्ग पर दरा गांव के पास 615 मीटर की ऊंचाई पर विशाल पहाड़ी पर स्थित है। बिजासन माता की मूर्ति गुफा में है।

करवर।  बूंदी जिले में इंद्रगढ़ से 2 किलोमीटर दूरी पर स्थित माता बिजासन मंदिर प्रमुख धार्मिक स्थल है। बिजासन माता मंदिर इंद्रगढ़  से करवर सडक मार्ग पर  दरा गांव के पास 615 मीटर की ऊंचाई पर विशाल पहाड़ी पर स्थित है। बिजासन माता की मूर्ति गुफा में है। बिजासन माता विशाल पहाड़ फाड़कर प्रकट हुई थी।  जो अपने आप शीला उबरकर कर मूर्ति बन गई।  यह मूर्ति प्राकृतिक है।  बीजासन माता की मूर्ति लगभग पौने 3 फुट की है। यहां पर दूर-दूर से भक्त माता से मनोकामना मांगने के लिए आते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए पहले 750 सिढ़ियां हुआ करती थी जो कि अब नव निर्माण के बाद करीब 850 सीढ़ियां बताई जाती है।

बिजासन माता के प्रकट होने की की पौराणिक कथा
 माता के पुजारी हरि मोहन योगी, अक्षय योगी,नरेश योगी, सत्यनारायण योगी ने बताया कि माता की प्रतिष्ठा 2 हजार सौ से भी  पुरानी बताई जाती है।
उस समय दरा गांव में नाथ संप्रदाय में गोरखनाथ जैसे गुरु कृपानाथ थे। कृपानाथ को माता बिजासन ने दर्शन दिए। जब इस क्षेत्र में घना जंगल हुआ करता था कृपानाथ महाराज दरा गांव में नागण माता के पास दूना है। उस स्थान पर तपस्या किया करते थे अभी भी वहां पर  एक बावड़ी व बड़ का पेड़  मौजूद है। यहां पर तपस्या में लिन रहते थे। सोलंकी राजपूत  भटकता हुआ  स्थान पर आ पहुंचा और गुरु कृपानाथ का शिष्य बन गया। उसके बाद महाराज ने समाधि ले ली। जब से सोलंकी नाथ के वंशज आज भी माता बिजासन की सेवा पूजा करते आ रहे है।

बिजासन माता मंदिर के धार्मिक महत्व
मान्यता है कि बिजासन देवी का चमत्कार तुरंत देखने को मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि माता की कृपा से अंधे को दृष्टि प्राप्त होती है। यहां भक्त अपनी कई इच्छाओं की पूर्ति के लिए माता से प्रार्थना करने के लिए आते हैं। इस मंदिर के प्रति लोगों का दृढ़ विश्वास है कि माता उनकी मनोकामना जरुर पूरी करेंगी। मंदिर में पूरे साल भक्तों और पर्यटकों की भीड़ देखी जा सकती है। माता बिजासन का मंदिर ऊंची पहाड़ी पर जो सीधी चढ़ाई वाली पहाड़ी पर 615 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर पर पहुंचने के लिए पहले 750 सिढ़ियां हुआ करती थी जो कि अब नव निर्माण के बाद करीब 850 सीढ़ियां बताई जाती है। मंदिर के ऊपर एक छतरी भी है।


बिजासन माता मंदिर का मेला एवं त्योहार
बिजासन माता मंदिर में चैत्र और आसोज के नवरात्रि मे माता की विशेष पूजा अर्चना के साथ मेले लगते हैं जिसमें आसोज के नवरात्रे विशेष माने जाते है। नवरात्रि को 9 दिनों तक बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। इस खास मौके पर मंदिर परिसर में मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती हैए काफी संख्या में भक्त नंगे पैर पेदल चलकर माता के दर्शन के लिए आते है।

 माता की प्रतिमा सर्प फनाकार
 माता की प्रतिमा सर्प फनाकार है। बीजासन माता की मूर्ति गुफा के बाएं कोने पर स्थित है।  माता की बाई बगल में गणेशजी विद्यमान है। जहां वर्षों से चली आ रही अखंड ज्योति है जिसमें 1 दिन में 3 किलो 500 ग्राम तेल जलता है इससे उत्पन्न होने होने वाला काजल अद्भुत चमत्कारी है जिसको आंखों में लगाते ही आंखें की सारी पीड़ा दूर हो जाती हैं। अखंड ज्योति के पास में  काल भैरव व सातों बहनों की प्रतिमाएं स्थित है।  मंदिर के नीचे उतरते ही दाएं तरफ  बटुक भैरव और क्षेत्रपाल जी है ।

इतिहास में बिजासन माता
इतिहास में बिजासन माता का उल्लेख उस समय मिलता था जब रामदेवा ने बूंदी पर अधिकार प्राप्त किया। सन 1959 ई में जब रणथंबोर दुर्ग पर राव सर्जन का अधिकार प्राप्त हुआ था बिजासन माता के नाम पर कई बीघा भूमि का पट्टा ताम्रपत्र में लिखा हुआ प्रदान किया था। रणथंभौर के अधिकार क्षेत्र में 81 बीघा भूमि शयोपुर तहसील के अडवाल गांव में से प्रदान की गई थी। इस डोली का ताम्रपत्र माताजी के सेवक सोलंकी नाथ परिवार के पास आज भी है।

सातों बहनों के साथ विद्यमान हैं माता बिजासन
कहा जाता है कि बिजासन माता मंदिर परिसर में सातों बहनों के साथ विराजमान है बिजासन माता इंद्रगढ़, राम बाई, रामगढ़ में लाल बाई,डूंगर में चौथ माता बरवाड़ा में कैला माता करौली में करणी माता, देशनोक और गुलाब बाई करणी माता के साथ ही स्थापित है।

यह क्षेत्र वन विभाग की भूमि में आता है। अगर यह आबादी भूमि में हो तो यहां विकास के आयाम खुल सकते हैं जिससे आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिल सके।-हरिमोहन योगी,  पुजारी बिजासन माता मंदिर

बाहर से आने वाले यात्रियों व श्रद्धालुओं को सुविधा मिले इसलिए यह क्षेत्र  वन विभाग की जगह आबादी में हो। - सत्यनारायण योगी, पुजारी बिजासन माता मंदिर

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