टेंशन : त्योहारी सीजन से बढ़ी अफसरों की चिंता, डिमांड और सप्लाई में असंतुलन का डर
प्रदेश में फिर बिजली संकट, ग्रामीण इलाकों में अघोषित कटौती से हो रही बिजली गुल
जयपुर। प्रदेश के कुछ बिजली उत्पादन इकाइयों में महज चार- पांच दिन का कोयला ही शेष रहने से प्रदेश में फिर से बिजली संकट गहरा गया है। बिजली डिमांड और सप्लाई में अंतर बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती बढ़ गई है, जिस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कई-कई घंटे तक बिजली गुल हो रही है। वहीं ऊर्जा मंत्री ने बिजली कटौती में एक सप्ताह के अंदर सुधार होने का दावा किया है। कोयला संकट की आहट को देखते हुए 2500 हजार मेगावाट के प्लांट में उत्पादन ठप हुआ है। कुछ प्लांट में तो महज चार से छह दिन का कोयला ही बचा है। चिंता यह है कि नवरात्रा, दीपावली जैसे आयोजनों में बिजली उपलब्धता भी रखनी होगी। फिलहाल बिजली संकट के समाधान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती शुरू हो गई है, जिस कारण सैकड़ों गांवों में 24 घंटे के अंदर टुकड़ों में छह से सात घंटे तक बिजली गुल हो रही है।
अघोषित कटौती के मौखिक आदेश
ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित कटौती की बात भले ही अफसर नहीं स्वीकार रहे, लेकिन कुछ इलाकों में एक-एक घंटे की कटौती जरूर मान रहे हैं। जबकि ग्रामीणों का जमकर कटौती होने के आरोप हैं। राजस्थान ऊर्जा विकास निगम के लोड डिस्पेच सेंटर से प्रदेशभर में जीएसएस पर मौखिक रूप से अघोषित कटौती के मैसेज दिए जा रहे हैं। चूंकि प्रदेश में अभी बिजली की मांग दो हजार लाख यूनिट के आसपास है, लेकिन त्योहारी सीजन को देखते हुए मांग और बढ़ेगी। कोयला संकट को लेकर अफसरों का कहना है कि जिन बिजलीघरों में कोयला स्टॉक कम रह गया है, वहां उत्पादन घटा दिया गया है।
दो महीने पहले भी आई थी किल्लत
राजस्थान में दो महीने पहले भी कोयले की किल्लत सामने आई थी। उस दौरान बिजली घरों में मात्र एक दिन का कोयला रहने पर ग्रामीण इलाकों में कटौती करनी पड़ी थी और एक्सचेंज से महंगे दामों में बिजली खरीदना मजबूरी बन गया था। वैसे ही हालात अब दिखाई दे रहे हैं। संकट के चलते खुद ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला दिल्ली जाकर बात करने पहुंचे थे। बिजली संकट के पीछे अफसरों का यह भी तर्क है कि कोयले की कीमतें बढ़ी हैं और ट्रांसपोर्टेशन में काफी रुकावटें आई हैं।
एक सप्ताह के अंदर बिजली कटौती सुधर जाएगी। भारी बारिश के चलते कोयले की खदानों में पानी भरा हुआ है, इसलिए राजस्थान सहित देशभर में कोयले की कमी बनी हुई है। प्रदेश में भी कोयले की आपूर्ति बाधित होने से बिजली संकट गहराया है।
- बी.डी.कल्ला, ऊर्जा मंत्री
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