शहर के 80 बांधों को मिलेगी नई पहचान : जल संसाधन विभाग करेगा कायाकल्प, तालाबों की भी बदलेगी दशा
अतिक्रमण की समस्याएं बढ़ गई थीं
फिलहाल पंचायती राज संस्थाओं के अधीन रहे इन बांधों और तालाबों की स्थिति सुधारने के लिए डब्ल्यूआरडी ने अगले 2 वर्षों में व्यापक सुधार कार्यों की योजना बनाई है।
जयपुर। जिले के 80 पुराने बांधों और तालाबों को जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित किया जाएगा। इनमें 1871 और 1876 में बने आमेर के ऐतिहासिक बांध और तालाब भी शामिल हैं। लंबे समय से इन जल संरचनाओं की दशा खराब होने के कारण उनकी भराव क्षमता कम हो गई थी, नहरी तंत्र क्षतिग्रस्त हो चुका था और अतिक्रमण की समस्याएं बढ़ गई थीं।
फिलहाल पंचायती राज संस्थाओं के अधीन रहे इन बांधों और तालाबों की स्थिति सुधारने के लिए डब्ल्यूआरडी ने अगले 2 वर्षों में व्यापक सुधार कार्यों की योजना बनाई है। जमवारामगढ़, बस्सी, चाकसू, सांगानेर, शाहपुरा, विराटनगर, दूदू, फागी, फुलेरा और कोटपूतली क्षेत्र के बांध और तालाबों को संजीवनी मिलेगी।
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