निगम ग्रेटर में करीब 650 छोटे-बड़े नाले : समय से पूर्व नालों की सफाई का काम शुरू, सड़कों पर कचरा
कचरा सूखने के बाद सड़कों पर फैल रहा है
वहां ठेकेदार नालों की सफाई के बाद निकले हुए कचरे का समय पर नहीं उठा रहे है जिससे कचरा सूखने के बाद सड़कों पर फैल रहा है।
जयपुर। मानसून के दौरान अतिवृष्टि के दौरान बारिश का पानी सड़कों पर नहीं आए और आमजन को इससे परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए नगर निगम जयपुर ग्रेटर क्षेत्र में करीब 650 छोटे बड़े नाले है। इनमें से अभी 162 नालों की सफाई पूर्ण हो पाई है और 273 नालों की सफाई की सफाई का काम चल रहा है। प्रदेश में जून के अंत तक मानसून आने की संभावना रहती है और आमजन को परेशानी नहीं हो इसके लिए 15 जून तक नालों की सफाई काम पूरा करना होता है। इसमे से अभी तक 650 में से 215 नालों की सफाई काम शुरू भी नहीं हुआ है हालांकि इस बार निगम ग्रेटर के अधिकारी दावा कर रहे है कि 15 जून तक सभी नालों की सफाई के साथ ही मरम्मत का काम पूरा कर लिया जाएगा। जिन नालों की सफाई का काम चल रहा है। वहां ठेकेदार नालों की सफाई के बाद निकले हुए कचरे का समय पर नहीं उठा रहे है जिससे कचरा सूखने के बाद सड़कों पर फैल रहा है।
निगम ग्रेटर के 650 नालों के लिए 25 टेंडर
निगम ग्रेटर के अधीक्षण अभियंता नितिन शर्मा ने बताया कि इस बार नालों की सफाई के लिए जोन वाइज टेंडर और टुकड़ों में किए गए हैं और एक जोन में दो से लेकर पांच तक टेंडर किए गए है जिससे काम की अधिकता नहीं हो और समय पर काम हो सकें। उन्होंने बताया कि निगम ग्रेटर के 650 नालों के लिए 25 टेंडर किए गए हैं। इस पर करीब छह करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें नालों की सफाई करने के साथ ही नालों की मरम्मत का काम भी साथ साथ किया जा रहा है। नालों से निकाले गए कचरे को सूखने के बाद हटाया जाता है। यदि कोई ठेकेदार समय पर कचरा नहीं उठा रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर समय पर कचरा उठाने के लिए पाबंद भी किया जाएगा।
समय से पूर्व नालों की सफाई का काम शुरू
गत वर्ष नालों की समय पर सफाई नहीं होने से शहर में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थीं और आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था और इसे लेकर जिला कलक्टर ने निगम अधिकारियों की खिंचाई की थी। निगम ने इस बार समय से पूर्व नालों की सफाई का काम शुरू कर दिया है।

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