बनीपार्क और सेठी कॉलोनी सेटलाइट अस्पताल फिर होंगे चिकित्सा विभाग के अधीन, मेडिकल कॉलेज से संबद्धता हटेगी
अस्पतालों में अधिकांश कामकाज ओपीडी तक ही सीमित
राजधानी जयपुर के दो बड़े अस्पतालों से एसएमएस मेडिकल कॉलेज का जुड़ाव खत्म हो सकता है। जल्द ही ये अस्पताल पहले की तरह फिर से चिकित्सा विभाग के अधीन लाए जाएंगे। इस संबंध में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग इस पर विचार विमर्श कर इस संबंध में निर्णय ले सकता है।
जयपुर। राजधानी जयपुर के दो बड़े अस्पतालों से एसएमएस मेडिकल कॉलेज का जुड़ाव खत्म हो सकता है। जल्द ही ये अस्पताल पहले की तरह फिर से चिकित्सा विभाग के अधीन लाए जाएंगे। इस संबंध में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है। अब चिकित्सा शिक्षा विभाग इस पर विचार विमर्श कर इस संबंध में निर्णय ले सकता है। जानकारी के अनुसार एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित 12 में से इन 2 अस्पतालों को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। कॉलेज प्रशासन का इस संबंध में तर्क है कि इन अस्पतालों में अधिकांश कामकाज ओपीडी तक ही सीमित रहता है।
यहां सर्जरी या कोई बड़ा प्रोसीजर ना के बराबर ही रहता है। ऐसे में कॉलेज में बढ़ते कामकाज को देखते हुए इन अस्पतालों के संचालन पर पुनर्विचार का आग्रह किया गया है। अगर कॉलेज प्रशासन के प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो एसएमएस के अधीन कुल 10 अस्पताल ही रह जाएंगे। ऐसे में कॉलेज के ऊपर भर भी कम होगा। वर्तमान में इस दोनों अस्पतालों के अलावा एसएमएस अस्पताल, जेके लोन, मनोरोग, जनाना, महिला, गणगौरी, कांवटिया, श्वसन रोग संस्थान, सुपर स्पेशलिटी और स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अधीन हैं।

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