राजस्थान के स्टेशनों की बदल रही तस्वीर नई रेल लाइनों पर हो रहा कार्य, सुविधाओं में होगा इजाफा
केन्द्रीय बजट से राजस्थान के रेल नेटवर्क पर सकारात्मक प्रभाव
स्टेशन को सिटी सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे स्टेशन, यात्रियों के साथ-साथ शहर के निवासियों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बन सके।
जयपुर। केन्द्र की ओर से हाल ही में दिए गए रेल बजट से राजस्थान के स्टेशनों की सूरत बदलेगी। इसके साथ ही यात्री सुविधाओं में विस्तार के साथ ही नई रेल लाइनों के कार्य किए जा रहे हैं। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों को स्थानीय लोककला के अनुरूप आधुनिकीकरण किया जा रहा है। यात्रियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए आगमन और प्रस्थान की अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है। केन्द्र के बजट में राजस्थान को वर्ष 2025-26 में 9960 करोड़ रुपए का बजट आवंटित हुआ है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के 77 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास का कार्य किया जा रहा है।
इस कार्य में करीब चार हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें जयपुर जंक्शन, गांधी नगर (जयपुर), सांगानेर, रींगस, सीकर, बीकानेर, जैसलमेर, खैरथल, अलवर, राजगढ़ सहित अन्य शामिल है। स्टेशनों का पुनर्विकास के साथ ही यात्रियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी के लिए लिफ्ट, एस्कलेटर, वेटिंग रूम, प्लेटफार्म शेल्टर, कोच गाइडेंस बोर्ड व ट्रेन डिस्पले बोर्ड, पर्याप्त पार्किंग सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। पर्यावरण संरक्षण के लिए सौर उर्जा, जल संरक्षण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी व्यवस्थाओं को शामिल किया जाएगा। स्टेशन को सिटी सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे स्टेशन, यात्रियों के साथ-साथ शहर के निवासियों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बन सके।
रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर में विस्तार
रेलवे की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर के तहत रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा-176.47 कि.मी., पुष्कर-मेड़ता- 59 कि.मी., तारंगाहिल-आबू रोड वाया अंबाजी- 89.39 कि.मी., नीमच-बड़ी सादड़ी -48 कि.मी., गुढ़ा-ठठाना मीठड़ी परीक्षण ट्रैक प्रथम फेज -25 कि.मी., परीक्षण ट्रैक द्वितीय फेज -34 कि.मी., रींगस-खाटूश्यामजी -17.49 कि.मी., मेड़ता सिटी-रास 51.40 कि.मी. व मेड़ता रोड बाइपास 4.5 कि.मी. तक विस्तार किया जाएगा। इसी प्रकार गेज परिवर्तन के नाथद्वारा (मावली) देवगढ़ मदारिया 82.54 कि.मी. तक कार्य किए जाएंगे।
ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली स्थापित
उत्तर पश्चिम रेलवे में 128 कि. मी. रेल मार्ग में ऑटोमैटिक सिग्नल प्रणाली स्थापित की गई है और 829 कि.मी. रेल मार्ग में कार्य स्वीकृत है। जिनको प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। संरक्षित रेल संचालन की सुनिश्चितता के लिए 1586 कि.मी. रेल मार्ग पर स्वदेशी टक्कररोधी प्रणाली कवच की स्थापना के लिए ऑटोमैटिक फाइबर केबल डालने का कार्य प्रगति पर है तथा टावर लगाने के लिए कार्य अवार्ड कर दिए गए हैं।
दोहरीकरण कार्य
जयपुर-सवाई माधोपुर 131.27 कि.मी., अजमेर-चंदेरिया (चित्तौड़गढ़) 178.28 कि.मी., सवाई माधोपुर बाइपास 6.98 कि.मी., बठिंडा-भीलड़ी, सिरसा, हिसार, रतनगढ़, डेगाना, लूणी, समदड़ी के रास्ते, रेवाड़ी-काठूवास 27.73 कि.मी., चूरू-रतनगढ़ 42.81 कि.मी., मनहेरू-बवानी खेड़ा 31.50 कि.मी., काठूवास-नारनौल 24.12 कि.मी. और भिवानी-डोभ बहाली 42.30 कि.मी. तक दोहरीकरण के कार्य किए जाएंगे।
पहली हेरिटेज ट्रेन रैली क्वीन संचालित
रेलवे में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विरासत के साथ-साथ विकास को आधार बना कर कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अरावली की सुरम्य पहाड़ियों में आजादी से पूर्व बनी मारवाड़-खामली घाट रेल खंड को विरासत के रूप में संरक्षित के लिए मीटर गेज ही रखा गया है। इस खण्ड पर मारवाड़-खामली घाट-मारवाड़ के बीच प्रदेश की पहली हेरिटेज ट्रेन रैली क्वीन संचालित की जा रही है। इसके अतिरिक्त अजमेर मंडल की ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने व आमजन को भारतीय रेल की समृद्ध विरासत से परिचित करवाने के लिए अजमेर में रेलवे संग्रहालय स्थापित किया गया है।
इनका कहना है
रेलवे की ओर से स्टेशन पुनर्विकास, नई लाइन, दोहरीकरण, विद्युतीकरण जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इस बार रेल बजट में राजस्थान को 9960 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया। इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों को गति मिलेगी। इसके साथ ही यात्री सुविधाओं के कार्य भी किए जाने हैं।
-शशि किरण,
सीपीआरओ
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